यह भी पढ़ेंं: मेरठ में उपद्रव से पहले बसपा के पूर्व विधायक की लोकेशन आैर काॅल डिटेल से अफसरों के उड़े होश! धामपुर थाना के गांव कोटरा टप्पा में 12 जनवरी को गौरव नाम के युवक की सड़क किनारे लाश मिली थी। जिसमें परिजनों ने उसकी हत्या का आरोप लगाते हुए अज्ञात युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस मामले की जांच कर रही थी। पुलिस कई लोगों से हत्या के बारे में पहले भी पूछताछ कर चुकी है। पुलिस ने 2 दिन पहले गांव कोटा टप्पा के रिंकू और प्रदीप को पूछताछ के लिए उठाया और कोतवाली लेकरर आ गई। पहले उनकी डंडो से पिटाई की। हत्या का गुनाह जबरन कबूलवाने के लिए उनपर लगातार दवाब बनाया जा रहा था। आरोप है कि पिटाई से जब दोनों की हालत बिगड़ गई। पुलिस ने दोनों को कोतवाली के बाहर डाल दिया।
परिजन जब थाने पहुंचे और दोनों की हालत देखी तो गुस्साए परिजनों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर कोतवाली में जमकर हंगामा किया। दोनों को पास के ही एक अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया। हंगामा के बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया। परिजनों की माने तो दोनों की हालत खराब है। उनका एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस पहले भी दोनों से पूछताछ कर चुकी है। लेकिन सबूत न मिलने पर छोड़ दिया था। लेकिन इस बार इनकी पिटाई कर इनसे जबरन क़बूल कराना चाहती थी।
अस्पताल में भर्ती पीड़ित प्रदीप का कहना है कि पुलिस ने कमरे में बंद कर जबरन हत्या करने का आरोप कबूलवाने का प्रयास किया थाा। जिसकी वजह से उनके साथ में मारपीट की है। उधर सीओ अर्चना सिंह ने बताया कि पुलिस पूछताछ के लिए दोनों को कोतवाली लाई थी। इस दौरान स्वास्थ्य खराब होने पर पुलिस ने दोनों को परिजनों को सौंप दिया था।