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मोदी सरकार के 9 साल: 95% विपक्षी नेताओं पर CBI और ED का शिकंजा, सोनिया-शिवकुमार सहित कई दिग्गजों पर एक्शन

locationनई दिल्लीPublished: May 26, 2023 03:37:09 pm

Submitted by:

Shaitan Prajapat

9 Years Of Modi Government: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में आए 9 साल हो चुके हैं। इस दौरान सीबीआई और ईडी के निशाने पर विपक्ष के कई बड़े नेता आ चुके हैं। 9 साल में 95 प्रतिशत विपक्षी नेता ईडी और सीबीआई के शिकंजे में हैं।

विपक्ष पर बढ़ा सीबीआई-ईडी का शिकंजा

विपक्ष पर बढ़ा सीबीआई-ईडी का शिकंजा

9 Years Of Modi Government: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में आए 9 साल हो चुके हैं। 26 मई 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की कमान संभाली थी। मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान सीबीआई और ईडी ने कई विपक्ष नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया था। इन दिनों दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की चर्चा है। सीबीआई ने उनकी गिरफ्तारी शराब नीति में कथित घोटाले की जांच को लेकर की है। बीते 9 साल में 95 प्रतिशत विपक्षी नेता सरकारी एजेंसियों की गिरफ्त में फंसे हैं। इन लिस्ट कई बड़े विपक्षी नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, संजय राउत, पी चिदंबरम, डीके शिवकुमार सहित बड़े दिग्गजों के नाम शामिल हैं। वहीं विपक्ष इन कार्रवाई को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाती आ रही है।


9 सालों में 95 प्रतिशत विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई


इंडियन एक्सप्रेस की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार 18 सालों में ईडी ने 147 प्रमुख राजनेताओं पर कार्रवाई की थी। बीते 9 सालों में 95 प्रतिशत से ज्यादा विपक्षी नेता थे। यानी 2014 के बाद से नेताओं के खिलाफ ईडी के इस्तेमाल में चार गुना बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार के दौरान 121 राजनेता जांच के दायरे में आए। इसमें से 115 से ज्यादा विपक्षी नेता हैं।


पिछले 9 सालों में इन विपक्षी नेताओं पर ईडी और सीबीआई ने शिकंजा कसा…


सोनिया गांधी, राहुल गांधी

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी के खिलाफ ईडी ने नेशनल हेराल्ड अखबार के अधिग्रहण को लेकर मामला दर्ज है। बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी धनशोधन का यह मामला उठाया गया था। जून 2022 में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी ने इस मामले में समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सितम्बर 2022 तक जांच एजेंसियों के घेरे में कांग्रेस के 24 नेता थे।


पी चिदंबरम, कार्ति चिदंबरम

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर भी सीबीआई और ईडी ने शिकंजा कसा है। पिता औ बेटे के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल-मैक्सिस सौदों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी में भूमिका का आरोप लगा है। जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया कि इन मामलों में कार्ति ने रिश्वत लेकर फर्जी तरीके से एफडीआई मंजूरी दी।

डीके शिवकुमार

ईडी ने कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार को 3 सितंबर, 2019 को गिरफ्तार किया था। केंद्रीय एजेंसी ने सितंबर 2018 में शिवकुमार और अन्य के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था।

भूपेंद्र हुड्डा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ भी ईडी की दो मामलों में जांच चल रही है। एक कथित मानेसर भूमि घोटाले से संबंधित है। इसके अलावा दूसरा मामला पंचकूला में गांधी परिवार के स्वामित्व वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को भूमि के आवंटन से जुड़ा है। हुड्डा पर आरोप है कि सरकारी खजाना को काफी नुकसान पहुंचाया है।

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अहमद पटेल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल भी ईडी के वार से बच नहीं पाए। पटेल पर स्टर्लिंग बायोटेक मामले के संबंध में ईडी जांच कर रही थी। यह मामला गुजरात के कारोबारी नितिन और चेतन संदेसरा की धोखाधड़ी से जुड़ा था। जून और जुलाई 2020 में ईडी ने संदेसरा परिवार के साथ उनके कथित संबंधों पर पटेल से कई बार पूछताछ की थी। पटेल की पिछले साल कोविड-19 से मृत्यु हो गई थी।

 

अशोक गहलोत, सचिन पायलट, कार्ति चिदंबरम

राजस्थान एम्बुलेंस घोटाले के आरोप में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत, सचिन पायलट, कार्ति चिदंबरम फंस चुके है। 2015 में तीनों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए थे। बताया गया कि 2010 में एम्बुलेंस योजना को फर्जी तरीके से जिकित्जा हेल्थकेयर नामक एक कंपनी को दे दिया गया था। सचिन और चिंदबरम कंपनी के निदेशक थे।

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भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार पर भी ईडी का एक्शन जारी है। ईडी ने दिसम्बर 2022 में भूपेश बघेल की ओएसडी सौम्या चौरसिया को गिरफ़्तार किया था। इससे पहले 20 फरवरी 2022 को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव और चंद्रदेव राय कई कांग्रेस नेताओं के घर और दफ़्तर पर छापेमारी हुई थी।

हिमंत बिस्वा सरमा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के खिलाफ भी ईडी जांच कर चुकी है। सरमा पर शारदा चिटफंड घोटाले का आरोप लगा है। सीबीआई ने 2014 में उनके घर और कार्यालय पर छापा मारा था और उनसे पूछताछ भी की थी।

सुखविंदर सिंह उर्फ लाली

पंजाब के जालंधर जिले के कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह पर भी ईडी ने छापा मारा था। साल 2019 में विदेशी फेमा का उल्लंघन करने पर यह कार्रवाई की गई। उनके ऊपर कनाडा में संपत्ति रखने का आरोप था।


पिनाराई विजयन

साल 1995 के एसएनसी लवलीन मामले में सीपीआई (एम) के तत्कालीन केरल राज्य सचिव पिनाराई विजयन के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दायर की थी। अप्रैल 2021 में मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू हुई, लेकिन विजयन से पूछताछ नहीं की गई है।

बिहार में राजद नेताओं पर एक्शन

सीबीआई की साल 2022 में बिहार में आरजेडी नेताओं के घरों पर कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले में छापेमारी हुई थी। लालू यादव के करीबी माने जाने वाले और एमएलसी सुनील सिंह, सांसद अशफाक करीम, फैयाज अहमद और पूर्व एमएलसी सुबोध राय पर कार्रवाई हुई थी। राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद पहले ही चारा घोटाला के अलावा कई मामलों में सज़ा काट चुके हैं।

इन नेताओं पर भी हुई कार्रवाई

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ईडी ने एक मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया था। इसके अलावा एनसीपी के 11 और शिवसेना के 8 नेताओं पर जांच एजेंसियों ने कार्रवाई की थी। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी और शिवसेना के नेता संजय राउत पर भी ईडी का शिकंजा कसा जा चुका है। बसपा सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। अखिलेश यादव भी गोमती रिवरफ्रंट परियोजना में अनियमितताओं के लिए सीबीआई और ईडी दोनों की जांच के दायरे में हैं।

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