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छत्तीसगढ़: फिर एक अन्नदाता ने लगाया मौत को गले- 22 लोगों के परिवार में था इकलौता कमाऊ इंसान

पुलिस को मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें किसान ने आत्महत्या का कारण अपने ऊपर कर्ज होना बताया है।

Jul 21, 2017 / 07:43 pm

पुनीत कुमार

बीजेपी शासित राज्यों में किसानों द्वारा आत्महत्या का सिलसिला लगातार जारी है। यहां छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के पिपरिया थाना क्षेत्र के डेहरी गांव में कर्ज के बोझ से दबे किसान संतोष साहू ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली। तो वहीं मृतक किसान का शव बुधवार की दोपहर में गांव में ही ट्यूबवेल के पास पड़ा मिला। जबकि बताया जा रहा है कि संतोष के परिवार में कुल 22 लोग हैं, और वह एकमात्र कमाने वाला था। 
हत्या के बाद गुरुवार को कवर्धा पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने घटना की पुष्टि की। मामले को लेकर पुलिस अधीकक्ष ने कहा कि किसान रविवार की शाम को किसी काम के सिलसिले में अपने रिश्तेदार के यहां आया था। लेकिन उसके बाद वह अपने घर पर नहीं पहुंचा। दो दिनों तक वह कहां था, ये बात किसी को भी नहीं पता है। 
तो वहीं पुलिस को मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें किसान ने आत्महत्या का कारण अपने ऊपर कर्ज होना बताया है। साथ ही सुसाइड नोट में अन्नदाता ने घरवालों को परेशान न किए जाने की बात भी लिखी है। गांव वालों ने बुधवार को मृतक का शव देखा, लेकिन घर में कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं था, इसलिए देर रात ग्रामीणों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसके बाद पुलिस आई और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। 
मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक किसान कर्ज के चलते पिछले काफी दिनों से परेशान था। जहां वह घाटे में चल रही गुड़ फैक्ट्री को लेकर चिंतित था। उसने अपने खेत में गुड़ बनाने की फैक्ट्री लगाई थी, जिसके लिए उसने अपना खेत भी गिरवी रखा था, लेकिन बाद में किसानों से गन्ना खरीदने के बाद वह उसका भुगतान नहीं कर पा रहा था। साथ ही वह अपने दोस्तों से भी रुपए उधार ले रखा था। जिसे वह चुका नही पा रहा था। 
फिलहाल पुलिस मामले की हत्या और खुदकुशी दोनों पहलुओं की जांच कर रही है। तो वहीं मृतक किसान संतोष के 6 भाई थे। जो सभी सयुंक्त परिवार में रहते थे। और सभी के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उसके ऊपर ही था। 

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