मतदाताओं को अपने वोटर आईडी कार्ड के साथ आधार कार्ड के नंबर को लिंक करने के लिए फार्म -6बी भरकर जमा करना होगा। हालांकि अभी यह पूरी तरह से मतदाताओं के लिए स्वैच्छिक है, वह अपनी इच्छा के अनुसार लिंक करा सकते हैं। वहीं अगर कोई मतदाता आधार व वोटर आईडी को लिंक नहीं कराते हैं तो अभी उनकी कोई भी जानकारी मतदाता सूची से नहीं हटाई जाएगी।
अगस्त से शुरू होगा जागरूकता अभियान
चुनाव आयोग के प्रधान सचिव अजोय कुमार ने बताया कि जुलाई महीने में कर्मचारियों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं 1 अगस्त से 31 दिसंबर तक जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा, लोगों से घर-घर जाकर संपर्क किया जाएगा। इसके साथ ही कैंप लगाकर मतदाताओं को वोटर आईडी से आधार कार्ड लिंक कराने व आधार नंबर देने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
डाटा लीक होने पर मतदान अधिकारी पर होगी कार्रवाई
चुनाव आयोग के द्वारा चेतावनी जारी करते हुए बताया गया है कि अगर आधार कार्ड को वोटर आइडी से जोड़ने के लिए मतदाताओं के द्वारा दिए गए फॉर्म लीक हुआ तो मतदान अधिकारी पर इसके लिए कार्रवाई हो सकती है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने इस अभियान की निगरानी करने के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल विकसित किया है। इस अभियान की प्रगति रिपोर्ट सभी क्षेत्रों से सभी राज्यों के सीईओ को देनी होगी।
मतदाता सूची सत्यापित करना होगा आसान
चुनाव आयोग के प्रधान सचिव अजोय कुमार ने कहा कि इस फैसले से मतदाताओं की पहचान करना, मतदाता सूची में शामिल जानकारियों का सत्यापित करना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में नाम रजिस्टर कराने वालों की पहचान भी हो सकेगी।