सूत्रों की मानें आप सरकार का कहना है कि ‘मौजूदा नीति सितंबर तक जारी रह सकती है। एक अगस्त से पुरानी नीति लागू करना मुश्किल है। शराब नीति पर अभी कैबिनेट का कोई बड़ा फैसला नहीं है क्योंकि सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए कम से कम 48 घंटे की आवश्यकता है। नोटीफिकेशन के बाद ही नई सरकारी दुकानें काम कर सकेंगी।’
BJP ने साधा निशाना
वहीं, बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने पुरानी नीति लागू करने पर कहा, “केजरीवाल और उनकी गैंग का ये जेल जाने डर है। इसलिए कोई पाप करने के बाद कोई नीति वापस लेने से कुछ नहीं होगा जब तक लूट का पैसा वापस नहीं आएगा न दिल्ली की जनता छोड़ेगी और हम सांसद भी नहीं छोड़ने वाले।”
दिल्ली में शराब ठेकों के बाहर फिर लंबी लाइनें, दिखा ‘लॉकडाउन’ जैसा नजारा
पुरानी नीति अचानक लागू करने से बढ़ सकती है शराब की किल्लतदरअसल, अचानक नई पॉलिसी को खत्म करने से शहर में प्राइवेट शराब की दुकानों के अलावा होटल, क्लब और बार वाले रेस्टोरेंट और थोक के संचालन के लिए जो लाइसेन्स जारी हुआ था वो खत्म हो जाएगा। इससे 31 जुलाई के बाद शराब की किल्लत से राजधानी में बढ़ जाएगी ऐसे में सरकार इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर काम कर रही है तब तक के लिए नई शराब नीति को एक महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, एक दिन पहले ही दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि नई शराब नीति को वापस ले लिया है लेकिन पुरानी नीति को लागू करने के लिए और समय लगेगा।
नई पॉलिसी से खत्म होता भ्रष्टाचार
बता दें कि शनिवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सीसोदिया ने कहा था कि ‘नई पॉलिसी आने से इन लोगों ने जो भ्रष्टाचार मचा रखा था वो रुक गया। वो खत्म हो गया तो इन लोगों ने प्लान बनाया कि इस नई पॉलिसी को खत्म किया जाए। एक-एक करके इन्होंने जितने प्राइवेट दुकान वाले आए थे उनको ED और CBI की धमकी दी। इससे बहुत सारे शराब की दुकान चलाने वाले चले गए।’