एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में बासित ने कहा कि जाधव का मामला अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में लंबित है। उन्हें कोर्ट का फैसला आने तक फांसी नहीं दी जाएगी। भले ही फैसले में दो या तीन साल का ही वक्त क्यों न लग जाए। साथ ही बासित ने कहा कि वो चाहते हैं कि इस मामले में कोर्ट का फैसला जल्द आना चाहिए।
अब्दुल बासित ने यह कहकर भी चौंकाया कि कुलभूषण जाधव के पास फांसी से बचने के उपाय हैं। उन्होंने कहा कि ‘कोर्ट आॅफ अपील’ से यदि उनकी अपील रद्द हो जाती है तो वे पहले आर्मी चीफ से दया की अपील कर सकते हैं आैर उसके बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेज सकते हैं।
हम आपको बता दें कि कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में पाकिस्तान ने जासूसी आैर देशद्रोही गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद सैन्य अदालत ने उन्हें फांसी की सजा सुनार्इ थी। इसके बाद भारत 8 मर्इ को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिस पर कोर्ट ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी। ये मामला अब भी कोर्ट में लंबित है।