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रूस में रिकॉर्ड वोटों से विधायक बने बिहार के अभय सिंह, पढ़ने गए थे और बन गए नेता

locationजयपुरPublished: Sep 13, 2022 03:45:47 pm

Submitted by:

Swatantra Jain

विदेशी भूमि पर एक और भारतवंशी ने कमाल कर दिया है। रूस में भारतीय मूल के अभय कुमार सिंह ने विधानसभा चुनाव जीतकर अपना परचम लहराया है। पेशे से डॉक्टर अभय कुमार सिंह ने ऐतिहासिक शहर कुर्स्क की विधानसभा सीट से 70 फीसदी से ज्यादा मत पाकर जीत हासिल की। रूस में अपनी काबिलियत और मेहनत के बूते पहचान बनाने वाले अभय कुमार बीते 3 दशकों से रूस में रह रहे हैं।

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रूस में भारतीय मूल के अभय कुमार सिंह ने विधानसभा चुनाव जीतकर अपना परचम लहराया है। पेशे से डॉक्टर अभय कुमार सिंह ने ऐतिहासिक शहर कुर्स्क की विधानसभा सीट से 70 फीसदी से ज्यादा मत पाकर जीत हासिल की। रूस में अपनी काबिलियत और मेहनत के बूते पहचान बनाने वाले अभय कुमार बीते 3 दशकों से रूस में रह रहे हैं। वह पटना के रहने वाले हैं और मेडिकल की पढ़ाई के लिए 1990 में रूस पहुंचे थे। लेकिन वह वापस नहीं लौटे और वहीं के होकर रह गए। हाल में हुए असेंबली चुनाव में अभय कुमार सिंह को सर्वाधिक वोट हासिल हुए हैं। उन्‍होंने यूनाइटेड रशिया पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ा और कुर्स्‍क क्षेत्र में रिकॉर्ड 70 प्रतिशत वोट प्राप्‍त किए, जोकि एक रिकॉर्ड है।
व्लादिमीर पुतिन से ताल्लुक रखती है पुतिन की पार्टी

यूनाइटेड रशिया पार्टी व्लादिमीर पुतिन से ताल्लुक रखती है। कुर्स्क सीट से ही अभय कुमार सिंह ने पहली बार 2017 में विधानसभा चुनाव जीता था। इस बार उनके नाम पर कुछ स्थानीय लोगों और संस्थाओं को आपत्ति थी क्योंकि वह भारतीय मूल के हैं और बाहरी हैं। फिर भी अंत में उनके समर्थन में लोगों ने वोट दिए और बड़ी जीत दिलाई। अभय कुमार सिंह को 2010 में रूस की नागरिकता मिली थी। रूस में व्लादिमीर पुतिन की पार्टी बीते करीब 22 सालों से सत्ता में है। अभय कुमार सिंह को व्लादिमीर पुतिन के कट्टर समर्थकों में गिना जाता है। यूक्रेन पर हमले को लेकर भी उन्होंने व्लादिमीर पुतिन का ही बचाव किया था।
यूक्रेन पर हमला करने पर पुतिन का किया था बचाव

अभय कुमार सिंह ने कहा था कि अमेरिका समेत पश्चिमी देश यूक्रेन को नाटो का हिस्सा बनाकर रूस को घेरना चाहते हैं। ऐसे में रूस के लिए अपनी रक्षा करने के लिए ऐक्शन लेना जरूरी हो गया था। बता दें कि अभय कुमार सिंह जिस कुर्स्क शहर से विधायक हैं, उसका रूस ही नहीं बल्कि विश्व इतिहास में भी अहम स्थान है। इसी शहर में 1943 में हिटलर की सेनाओं को हार का सामना करना पड़ा था। अभय कुमार सिंह ने पटना के लोयोला हाई स्कूल से पढ़ाई की थी। इसके बाद वह कुर्स्क चले गए थे। यहां उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई की थी और पटना भी लौटे थे।
पटना में नहीं चली डॉक्टरी तो लौट गए थे रूस

अभय़ कुमार सिंह ने पटना में रजिस्टर्ड डॉक्टर के तौर पर प्रैक्टिस शुरू कर दी थी, लेकिन उनका मन रमा नहीं। इसके बाद वह एक बार फिर से कुर्स्क शहर चले गए और वहां फार्मास्युटिकल का बिजनेस शुरू किया। इसके बाद अभय कुमार सिंह ने रियल एस्टेट सेक्टर में भी अपना काम शुरू किया था।
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