इस साजिश में कई बड़े नेता और जलबोर्ड के अधिकारी शामिल हो सकते हैं, इसलिए एफआईआर में एसीबी ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के अलावा आपराधिक साजिश रचने व अमानत में खयानत की धाराएं भी लगाई हैं। एसीबी सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान जो भी संदेह के घेरे में आएगा, उससे पूछताछ की जाएगी।
उधर, एसीबी चीफ एम. के. मीणा ने मंगलवार को गृह मंत्रालय से लेकर उपराज्यपाल व पुलिस आयुक्त को जानकारी देते हुए बताया कि घोटाले की जांच शुरू कर दी गई है। जांच करने वालों में तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों को लगाया गया है। उन्हें साफ तौर पर निर्देश दिया गया है कि उन्हें सतर्कता और पारदर्शिता बरतते हुए जांच करनी है। साथ ही पूरे मामले पर निष्पक्ष रिपोर्ट देनी है।
मीडिया से बातचीत में मीणा ने कहा कि प्रारंभिक स्तर पर इसका आकलन नहीं किया जा सकता कि मामले में कितने आरोपी होंगे। आरोपियों की सूची तैयार की जा रही है। बारी-बारी से नोटिस जारी कर नेताओं व अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी। शीला दीक्षित समेत उन तमाम नेताओं व अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी, जिनका प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कथित टैंकर घोटाले से संबंध है। जांच की फाइल को 11 महीने तक रोके रखने के मामले में अरविंद केजरीवाल से भी पूछताछ की जाएगी।