युवाओं को ट्रेनिंग पीरियड समेत कुल चार साल के लिए भारतीय सेना में शामिल होने का अवसर मिलेगा। अग्निपथ स्कीम की घोषणा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस स्कीम से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं को विश्व की बेहतरीन सेना बनाने के लिए आज सुरक्षा संबंधी कैबिनेट कमेटी ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। हम अग्निपथ नामक एक योजना ला रहे हैं जो हमारी सेना में परिवर्तनकारी बदलाव कर उन्हें पूरी तरह से आधुनिक और सुसज्जित बनाएगी।
#Agniveers को तीन सेवाओं में लागू जोखिम और कठिनाई हेतु दिए जाने वाले भत्तों के साथ आकर्षक मासिक पैकेज मिलेगा।
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) June 14, 2022
4 वर्ष पूरे होने पर #Agniveers को नियमित संवर्ग के लिए स्वेच्छा से आवेदन करने का अवसर मिलेगा#Agnipath pic.twitter.com/LpONtwyzYm
90 दिनों में शुरू होगी अग्निवीरों की पहली भर्ती-
प्रेस कॉफ्रेंस में बताया गया कि अग्निपथ स्कीम के तहत अखिल भारतीय योग्यता-आधारित चयन प्रक्रिया आयोजित की जाएगी। जिसमें 17.5 से 21 वर्ष की आयु के बीच युवा भारत के अग्विवीर के रूप में आवेदन करने के पात्र होंगे। ये 4 साल तक सेवा देंगे, जिसमें कठोर सैन्य प्रशिक्षण भी शामिल है। बताया गया कि अग्निवीरों के लिए 90 दिनों में पहली रैली शुरू होगी।
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अग्निपथ योजना के तहत यह मिलेगा अग्निवीरों को वेतन-
अग्निपथ योजना के तहत चयनित किए गए सभी अग्निवीरों को 30,000 प्रति माह वेतन दिया जाएगा। चौथे साल में यह बढ़कर 40,000 प्रति माह तक हो जाएगा। 4 साल पूरे होने पर सभी उम्मीदवारों के लिए 'सेवा निधि' का प्रावधान किया गया है। 4 साल तक सेना में सेवा देने के बाद सेवा निधि मिलेगा। इस दौरान अग्निवीरों को 44 लाख का बीमा दिया जाएगा।
चार साल के बाद 25% तक अग्निवीरों को केंद्रीयकृत व पारदर्शी प्रणाली के आधार पर नियमित संवर्ग के रूप में चुना जाएगा,
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100% उम्मीदवार नियमित संवर्ग में नामांकन के लिए बतौर वालंटियर, आवेदन कर सकते हैं।#Agnipath #Agniveers pic.twitter.com/bq03YXt8jU
चार साल की नौकरी के बाद यह रहेगा विकल्प-
इस स्कीम के लॉन्च किए जाने के बाद देश के करोड़ों जो सेना में शामिल होने का सपना देखते हैं उनके मन में यह सवाल उठ रहा है कि चार साल की नौकरी के बाद अग्निवीर स्कीम के तहत आगे का क्या विकल्प होगा। इसके बारे में प्रेस कॉफेंस में ही जानकारी दी गई।
बताया गया कि चार साल की नौकरी के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को केंद्रीयकृत व पारदर्शी प्रणाली के आधार पर नियमित संवर्ग के रूप में चुना जाएगा। मतलब यह कि चार साल की नौकरी के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को उनके काम के हिसाब से आगे की स्थायी नौकरी के लिए चुना जाएगा। इसके अलावा शेष उम्मीदवार नियमित संवर्ग में नामांकन के लिए बतौर वालंटियर अपना आवेदन कर सकेंगे।