scriptतीन तलाक: SC में कपिल सिब्बल की दलील, कहा- 1400 सालों से चली आ रही प्रथा गैर-इस्लामिक कैसे | AIMPLB, Supreme Court, Kapil Sibal, Lord Ram, Ayodhya, Triple-Talaq | Patrika News

तीन तलाक: SC में कपिल सिब्बल की दलील, कहा- 1400 सालों से चली आ रही प्रथा गैर-इस्लामिक कैसे

Published: May 16, 2017 03:40:00 pm

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि भारत का संविधान सभी धर्मों और उसके पर्सनल लॉ को पहचान देता है।

Triple Talaq

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तीन तलाक के मुद्दे पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई चल रही है। इस दौरान AIMPLB ने अपनी बात रखते हुए कहा कि मुस्लिम समाज पिछले 1400 सालों से तीन तलाक रिवाज का पालन करता आ रहा है। और यह मुद्दा आस्था से जुड़ा है। 
मंगलवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मुस्लिम समाज सन 637 तलाक प्रथा को मानती आ रही है। ऐसे में हम कौन होते है इस पर सवाल उठाने वाले। उनका कहना कि अगर राम का अयोध्या में जन्म होना, आस्था का विषय हो सकता है, तो तीन तलाक का मुद्दा आस्था का विषय क्यों नहीं हो सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि भारत का संविधान सभी धर्मों और उसके पर्सनल लॉ को पहचान देता है। ऐसे में हिंदू धर्म में दजेह के खिलाफ भी कानून बनाए गए। लेकिन बावजूद इसके हिंदू समाज में दहेज प्रथा के तौर पर लिया जाता है। ऐसे में अगर हिंदू प्रथा को संरक्षण दिया जाता है तो मुस्लिम समाज के विषय में यह असंवैधानिक करार दिया जा रहा है। 
उनका कहना इस्लाम ने महिलाओं को काफी पहले ही अधिकार दिए हुए हैं। तीन तलाक परिवार और पर्सनल लॉ संविधान के तहत हैं। यह व्यक्तिगत आस्था का विषय है। कपिल सिब्बल का कहना कि आखिर 1400 साल से चली आ रही प्रथा कैसे गैर-इस्लामिक हो सकती है। 
उधर तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत सरकार की ओर से हाजिर एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने 5 सदस्यीय संविधान पीठ से कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय तीन तलाक के तरीके को खारिज कर देती है, तो केंद की सरकार मुस्लिम समुदाय के बीच शादी और तलाक से जुड़ा एक नया कानून लाएगी। 
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