आपको बता दें कि भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी याचिका में कहा है कि एयर इंडिया के विनिवेश के लिए बोली प्रक्रिया मनमानी, भ्रष्ट, असंवैधानिक, दुर्भावनापूर्ण और जनहित के खिलाफ थी। स्वामी ने याचिका में ये भी आरोप लगाया कि टाटा संस से इस संबंध में धांधली की गई है। सुब्रमण्यम स्वामी के वकील सत्य सबरवाल के माध्यम से दायर की गई याचिका में इनसे जुड़े अधिकारियों की भूमिका और कार्यशैली की सीबीआई जांच कराने और इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत के सामने पेश करने का अनुरोध किया गया था। बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया को रद्द करने और अधिकारियों द्वारा इसे दी गई मंजूरी पर रोक लगाने के अनुरोध के साथ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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साल 2021 के अक्टूबर में केंद्र सरकार ने टाटा संस की कंपनी एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के 100 फीसदी शेयरों के साथ-साथ ग्राउंड लैंडिंग कंपनी एआईएसटीएस में 50 फीसदी हिस्सेदारी के लिए पेश की गई सबसे बड़ी बोली को स्वीकार किया था। 25 अक्टूबर 2021 को सरकार ने 18000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया की बिक्री के लिए टाटा संस के साथ खरीदारी समझौता किया था।