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क्या महाराष्ट्र में फिर होगा खेला? अजित पवार के बयान- ‘शिंदे सरकार पर नहीं कोई खतरा’ के क्या हैं मायने?

Maharashtra Politics: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स में हलचल बढ़ गई है। शिंदे गुट के 16 विधायकों के ऊपर निलंबन की तलवार लटकी हुई है। इसी बीच एनसीपी नेता अजित पवार ने दावा किया है कि महाराष्ट्र की शिंदे सरकार नहीं गिरेगी, चाहे निर्णय जो भी आए।

May 16, 2023 / 11:03 am

Paritosh Shahi

Maharshtra Politics: उच्चतम न्यायालय की सुनवाई के बाद महाराष्ट्र की सियासत में 16 विधायकों की निलंबन पर फैसला चर्चे में है। इसी बीच एनसीपी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दावा किया है कि अगर ये 16 विधायक अयोग्य भी घोषित हो जाते हैं, तो सरकार नहीं गिरेगी। जिसके बाद से अटकलें लगनी शुरू हो गई है कि अजित पवार क्या भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर महाराष्ट्र की राजनीति में फिर कोई नया खेल करने वाले हैं। मीडिया से बात करते हुए अजित पवार ने बताया कि शिंदे सरकार पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है। उनके 16 विधायकों अगर निलंबित भी हो जाते हैं तो इस स्थिति में भी सरकार अपने बहुमत को नहीं गंवाएगी। बता दें कि पिछले साल जून-जुलाई में बगावत के बाद शिवसेना से अलग हुए एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।


शिवसेना (UBT) ने की तेजी से कार्रवाई की मांग

सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना में हुई बगावत पर सुनवाई के दौरान विधायकों के निलंबन का फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया है। उद्धव ठाकरे खेमे वाली शिवसेना की एक प्रतिनिधि मंडल ने शिंदे खेमे के 16 विधायकों की अयोग्यता के मामले में तेजी से कार्रवाई की मांग करते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को 79 पन्नों का एक पत्र सौंपा है।

जिसके बाद से ही यह खबर उठने लगी थी कि क्या इन 16 विधायकों को अयोग्य साबित कर देने के बाद भाजपा और शिंदे कि सरकार महाराष्ट्र में गिर जाएगी। लेकिन अब जिस तरह का बयान अजित पवार भाजपा की गठबंधन वाली सरकार के पक्ष में दे रहे हैं, उसके बाद से यह तो तय है कि शिंदे सरकार पर कोई खतरा नहीं है।

सरकार के पास पर्याप्त समर्थन है-पवार

एनसीपी नेता अजित पवार ने आगे कहा कि अगर 16 विधायकों को अयोग्य भी करार दिया जाता है तो शिंदे और फडणवीस की सरकार नहीं गिरेगी। सरकार पर कोई खतरा नहीं है। अगर उनके 16 विधायक अपनी सदस्यता खो भी देते हैं, तो 288 सदस्यों वाली विधानसभा में सरकार बहुमत का नंबर नहीं खोने वाली है।

बता दें कि, वर्तमान में सत्ताधारी शिवसेना शिंदे गुट और बीजेपी के पास कुल 145 विधायक हैं। जबकि उन्हें अन्य 17 विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है। दोनों को जोड़ने पर यह संख्या 162 पहुंचती है और महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की आवश्यकता है।

ऐसे में 288 सदस्यों वाली विधानसभा में यह संख्या बहुमत के लिए आवश्यक संख्या से 17 ज्यादा है। और इनमें से 16 को अयोग्य करार करने के बाद भी इनकी संख्या 145 बचेगी, जो सरकार चलाने के लिए काफी है। अगर इसमें कुछ कम भी पड़ गया तो अजित पवार जैसा बयान दे रहे हैं उससे साफ पता चलता है की बाकि का काम वो देख लेंगे।

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अजीत पवार दे रहे बैक सपोर्ट

कहा जा रहा है कि अजित का झुकाव एक बार फिर से भाजपा की ओर जा रहा है। खबरें आई थी कि वह भाजपा में शामिल होने के लिए एनसीपी विधायकों के साथ तलाश रहे हैं। लेकिन राह इतनी आसान नहीं है क्योंकि दूसरी तरफ पार्टी प्रमुख शरद पवार भी अपनी तरफ से शक्ति प्रदर्शन में जुटे हुए हैं। माना जा रहा है कि शिंदे समूह के विधायकों के अयोग्य घोषित होने की स्थिति में महाराष्ट्र नए सरकार की तलाश कर रही है।

इधर अजित पवार की अपनी अलग महत्वाकांक्षा है, जो शरद पवार के साथ रहते हुए पूरी होती नहीं दिख रही है। इसीलिए अजीत पवार नए साथी की तलाश में है। भाजपा भी ऐसा ही अवसर खोजती रहती है कि विपक्ष में कब टूट हो और मौके से दोनों हाथों से लपके।

लेकिन इन सबके बीच अगर अजित पवार अपने साथ एनसीपी के कुछ विधायकों को लेकर भाजपा और शिंदे गुट के साथ आ जाते हैं तो फिर महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ जाएगा। इसके बाद विपक्षी गठबंधन की उम्मीद देख रहे नेताओं के लिए आगे की राह मुश्किल हो जाएगी। ऐसे में जिस तरह का बयान अजित पवार का भी भाजपा के पक्ष में दे रहे हैं, उससे महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार काफी आश्वस्त होगी। क्योंकि उन्हें एक बड़े विपक्षी नेता का बैक सपोर्ट मिल रहा है।

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