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EVM छेड़छाड़ पर बोले अमरिंदर सिंह, कहा – अगर मशीन में गड़बड़ी होती तो मैं सीएम नहीं होता

Published: Apr 13, 2017 12:50:00 pm

ईवीएम मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने कहा कि इस मामले में सवाल उठाना ठीक नहीं है। उन्होंने ने ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर विरोध के मामले को बेकार करार दिया है।

amarinder singh

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ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ को लेकर कांग्रेस के नेता आपस में भिड़ते नजर आ रहे है। तो वहीं कांग्रेस के बड़े नेता और पंजाब के सीएम अरिंदर सिंह ने कहा कि अगर मशीन में किसी तरह की छेड़छाड़ या गड़बड़ी की जाती तो पंजाब में कांग्रेस की सरकार सत्ता में नहीं आ सकती थी। 
उन्होंने ये बाते ईवीएम में कथित छेड़छाड़ को लेकर चुनाव आयोग के पक्ष में कही है। हाल ही दिनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए, जहां पंजाब में कांग्रेस 177 सीटों में से 77 सीट जीत कर सत्ता में बैठी अकाली दल को बेदखल कर दिया है। तो वहीं यूपी में बीजेपी की जबरदस्त जीत के बाद ईवीएम छेड़छाड़ का मामला जोरों से उठने लगा था। 
तो वहीं इस मामले पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद इस मामले की शिकायत की। जिसके बाद गुरुवार को फिर से उन्होंने चुनाव आयोग के सामने इस गड़बड़ी को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। इन सभी पार्टियों का आरोप है कि ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ के कारण ही बीजेपी यूपी में बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब रही है। 
तो वहीं ईवीएम मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने कहा कि इस मामले में सवाल उठाना ठीक नहीं है। उन्होंने ने ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर विरोध के मामले को बेकार करार दिया है। हालांकि उनका कहना कि वह तकनीक का समर्थन करते है और ऐसे में बैलेट पेपर पर चुनाव करवाने का सवाल ही नहीं उठता है। इस बयान के बाद कांग्रेस खुद ही कटघरे में खड़ी हो गई है। जहां पार्टी के बड़े नेता आपस में ईवीएम गड़बड़ी मामले पर एकमत नजर नहीं आ रहे हैं। 
गौरतलब है कि यूपी चुनाव में हार के बाद सबसे पहले मायावती ने ईवीएम मशीनों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगया था। जिसके बाद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने पंजाब विधानसभा चुनावों में ईवीएम के साथ कथित छेड़छाड़ का आरोप लगाया। जहां उन्होंने कहा था कि 72 घंटे के लिए ईवीएम दे दें तो वे यह साबित कर देंगे कि इसमें कैसे छेड़-छाड़ किया जा सकता है। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली में एमसीडी चुनाव ईवीएम से नहीं करा कर बैलेट पर कराने की मांग की थी। 
जिसके बाद चुनाव आयोग ने मई के पहले सप्ताह से 10 मई के बीच वैज्ञानिकों, तकनीकी विशेषज्ञों और राजनीतिक दलों को ईवीएम को हैक करने की चुनौती दी है। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने मई के शुरुआती महीने में विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और तकनीक के जानकार 10 दिन के अंदर आकर मशीन को हैक करने की चुनौती दी। तो वहीं आयोग ने ईवीएम को निष्पक्ष बताया है।
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