बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो के निदेशक, जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में गृह मंत्री ने कहा कि अमरनाथ यात्रा में आने वाले यात्रियों को दर्शन सुगम हो और उन्हें किसी समस्या का सामना न करना पड़े यह मोदी सरकार की प्राथमिकता है।
यात्रा मार्ग में सूचना प्रसार के लिए बढ़ाए जाएंगे मोबाइल टावर-
बैठक में अमरनाथ यात्रियों के आवागमन, ठहरने, बिजली, पानी, संचार और स्वास्थ्य समेत सभी आवश्यक सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। बताया गया कि कोविड के बाद यह पहली यात्रा है और अत्यधिक ऊंचाई के कारण अगर लोगों को किसी तरह की स्वास्थ्य सबंधित समस्या हो उसके लिए पर्याप्त इंतज़ाम करने होंगे। यात्रा मार्ग में बेहतर संचार और किसी भी सूचना के प्रसार के लिए मोबाइल टावर बढ़ाए जाएं, भूस्खलन होने की स्थिति में मार्ग तुरंत खोलने के लिए मशीनें तैनात करने का भी निर्देश दिया गया।
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6000 फीट से अधिक ऊंचाई पर एंबुलेंस व हेलीकॉप्टर रहेंगे तैनात-
गृह मंत्री ने पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर रखने का निर्देश दिया। साथ ही 6000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर पर्याप्त चिकित्सा बेड और किसी भी आपात चिकित्सा स्थिति से निपटने के लिए एंबुलेंस और हेलीकाप्टर तैनात करने को कहा। बैठक में जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव ने बताया कि पहली बार हर अमरनाथ यात्री को एक RIFD कार्ड दिया जाएगा और पांच लाख रुपये का बीमा करवाया जाएगा।
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बाबा बर्फानी का होगा ऑनलाइन दर्शन, सुबह-शाम की आरती का भी होगा प्रसारण-
इसके अलावा जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव ने बताया कि यात्रा के लिए टेंट सिटी, यात्रा मार्ग पर वाईफाई हॉटस्पॉट और समुचित प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही बाबा बर्फानी के ऑनलाइन लाइव दर्शन, पवित्र अमरनाथ गुफा में सुबह और शाम की आरती का सीधा प्रसारण और बेस कैंप में धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।