वहीं दूसरी ओर बिहार में आंदोलन के दौरान गोलीबारी और हिंसा के घटना हुई है। यहां आरा में दो समुदायों के बीच झड़प की खबरें सामने आ रही हैं और घटनास्थल पर गोलियों की आवाज सुनी गईं। यहां प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन को भी रोक दिया। वहीं, मध्यप्रदेश के भिंड-मुरैना में ऐहतियातन सख्ती बरती जा रही है।
बंद के मद्देनजर मप्र में किये गये सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
भारत बंद के आह्वान को देखते हुए मध्यप्रदेश के अनेक हिस्सों में एहतियात के तौर पर सुरक्षा के कड़े बन्दोबस्त किये गए हैं। सोशल मीडिया पर मंगलवार को भारत बंद के आह्वान के मद्देनजर (खबरों के अनुसार उच्च जाति के लोगों द्वारा आहूत बंद) सुरक्षा के बन्दोबस्त सख्त किए गए हैं। हालांकि बंद का आह्वान करने वाला कोई संगठन अब तक सामने नहीं आया है।
भारत बंद के आह्वान को देखते हुए मध्यप्रदेश के अनेक हिस्सों में एहतियात के तौर पर सुरक्षा के कड़े बन्दोबस्त किये गए हैं। सोशल मीडिया पर मंगलवार को भारत बंद के आह्वान के मद्देनजर (खबरों के अनुसार उच्च जाति के लोगों द्वारा आहूत बंद) सुरक्षा के बन्दोबस्त सख्त किए गए हैं। हालांकि बंद का आह्वान करने वाला कोई संगठन अब तक सामने नहीं आया है।
दलित संगठनों द्वारा बुलाए गए दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हिंसा भड़कने से प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग में आठ लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वह सोशल मीडिया पर चल रहे संदेशों पर विशेष निगरानी रखे हुए हैं। दलित संगठनों द्वारा दो अप्रैल को बुलाये गये बंद के दौरान इन संदेशों ने हिंसा भड़काने में अहम भूमिका अदा की थी।
हिंसा हुई तो डीएम-एसपी पर गिरेगी गाज
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने को कहा है. गृह मंत्रालय ने राज्यों को भारत बंद के संबंध में परामर्श जारी करते हुए कहा है कि अगर किसी इलाके में हिंसा हुई, तो इसके लिए वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। यानि हिंसा होने के लिहाज से उन पर गाज गिरनी तय है। मंत्रालय ने एडवाइजरी में यह भी कहा है कि कुछ समूहों द्वारा सोशल मीडिया पर 10 अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर जरूरी एहतियाती कदम उठाए जाएं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने को कहा है. गृह मंत्रालय ने राज्यों को भारत बंद के संबंध में परामर्श जारी करते हुए कहा है कि अगर किसी इलाके में हिंसा हुई, तो इसके लिए वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। यानि हिंसा होने के लिहाज से उन पर गाज गिरनी तय है। मंत्रालय ने एडवाइजरी में यह भी कहा है कि कुछ समूहों द्वारा सोशल मीडिया पर 10 अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर जरूरी एहतियाती कदम उठाए जाएं।
देश के इतिहास में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ कि किसी नामचीन संगठन के आह्वान के बिना ही आज (मंगलवार को) देशव्यापी बंद होने की सनसनी फैली। हालांकि इस भारत बंद का सबसे ज्यादा असर बिहार में देखा जा रहा है। यहां कई जगह बवाल, आगजनी, सड़क जाम वे रेल भी रोका गया।
वहीं देश के दूसरे हिस्सों में इस बंद का ज्यादा असर नहीं दिख रहा है। वहीं इससे पहले सोमवार को देश का गृह मंत्रालय भी आगे आया। उसने सुरक्षा चाक-चौबंद रखने और हिंसा रोकने के लिए सभी राज्यों को परामर्श (एडवायजरी) जारी कर दिया।
राजस्थान के जयपुर में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद
भारत बंद के आह्वान को देखते हुए राजस्थान में सुरक्षा के कडे बंदोबस्त किये गये है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एन आर के रेड्डी ने बताया कि बंद के आह्वान को देखते हुए जयपुर शहर में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। उन्होंने बताया कि सोमवार की रात से अगले 24 घंटों के लिए जयपुर में इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया है।
भारत बंद के आह्वान को देखते हुए राजस्थान में सुरक्षा के कडे बंदोबस्त किये गये है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एन आर के रेड्डी ने बताया कि बंद के आह्वान को देखते हुए जयपुर शहर में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। उन्होंने बताया कि सोमवार की रात से अगले 24 घंटों के लिए जयपुर में इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया है।