सरकार की मंशा की गिरफ्तारी की नहींः अमृतपाल-
वीडियो मैसेज में अमृतपाल सिंह यह कह रहा है कि सरकार की मंशा गिरफ्तारी की होती तो घर से कर सकती थी। सरकार ने लाखों की फोर्स निकालकर घेरा डाला। हमें लगा कि सरकार मालवा में नहीं जाने देना चाहती ताकि खालसा वहीर न निकाल सकें। इसके बाद इंटरनेट बंद हो गया तो हमें पता नहीं चला कि क्या हुआ?
जैसा पहले सरकार ने सिखों के साथ किया, वैसा ही हो रहा है-
वीडियो में अमृतपाल सिंह आगे कह रहा कि इंटरनेट चालू होने के बाद अब मुझे पता चला कि सरकार ने क्या किया। यह बिल्कुल वैसे है, जैसे पहले सरकार ने सिखों के साथ किया था। अब समय आ गया है, हमे अपने आप को बचाने के लिए पूरी दुनिया के सिख संगठनों को एकजुट होना होगा।
जत्थेदार ने सरकार को 24 घंटे को अल्टीमेटम दिया था। सरकार ने उनको चैलेंज किया है, अब जत्थेदार को इसमें सख्त स्टैंड लेना चाहिए। जत्थेदार को 13 अप्रैल को तलवंडी साबो स्थित दमदमा साहिब में सरबत खालसा बुलाना चाहिए।
सरेंडर की चर्चा के बीच गोल्डन टेंपल और दमदमा साहिब में सुरक्षा कड़ी-
वारिस पंजाब दे प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को लेकर पंजाब का माहौल गरम है। बीते 12 दिनों से पंजाब पुलिस उसे खोज रही है। आज उसके अमृतसर में गोल्डन टेंपल स्थित श्री अकाल तख्त साहिब या बठिंडा के तलवंडी साहिब स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब में आकर सरेंडर करने की बात सामने आई। इसका इनपुट मिलते ही पुलिस ने दोनों जगहों पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। दोनों शहरों में नाकाबंदी कर गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है।
सरेंडर के लिए अमृतपाल सिंह ने रखी ये तीन शर्तें
इधर मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमृतपाल ने सरेंडर के लिए 3 शर्तें रखी हैं। पहली- पुलिस कस्टडी में उसके साथ मारपीट न की जाए। दूसरी- उसे सिर्फ पंजाब की जेल में ही रखा जाए। तीसरी- उसके सरेंडर को गिरफ्तारी न बताया जाए। सूत्रों की मानें तो कुछ धार्मिक नेता उसके सरेंडर को लेकर मध्यस्थता कर रहे हैं। अमृतपाल के स्वर्ण मंदिर में आकर सरेंडर करने का इनपुट मिलने के बाद पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
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