पुलिस वैन में अनंत सिंह ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए सजा सुनाने वाले जज को लपेटे में लिया। अनंत सिंह ने कहा कि यह जज नहीं सरकार का आदमी है। पत्रकार के सवाल का जवाब अपने बेलौस अंदाज में देते हुए अनंत सिंह ने कहा कि मामले को लेकर हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हमे उच्च न्यायालय पर पूरा भरोसा है। बताते चले कि कुछ दिनों पहले अनंत सिंह को उनके पैतृक घर से हैंड ग्रेनेड और एके-47 की बरामदगी के मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी। आज एक अन्य केस में उन्हें फिर से 10 साल की सजा सुनाई गई।
जवाब देने में अनंत सिंह का जवाब नहीं. pic.twitter.com/bdlSgsea4U
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) July 21, 2022
घर से एके-47 बरामदगी को लेकर जा चुकी विधायकी-
अनंत सिंह को आज जिस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई वह केस 2015 का है। दसअसल 24 जून 2015 को सचिवालय थाना की पुलिस ने पटना में अनंत सिंह के सरकारी आवास पर छापेमारी की थी। जहां से इंसास के 6 मैगजीन और एक बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद किया था। उस वक्त आर्म्स एक्ट के तहत इस केस को दर्ज किया गया था। गुरुवार को इसी मामले की सुनवाई में उन्हें 10 साल की सजा सुनाई गई। सजा के ऐलान से एक सप्ताह पहले कोर्ट ने विधायक रहते हुए सरकारी आवास से हथियार रखने के मामले में उन्हें दोषी करार दे दिया था।
2015 में अनंत सिंह के सरकारी आवास से बरामद हुए थे हथियार-
उल्लेखनीय हो कि सात साल पहले बाढ़ में पुटुश यादव नामक एक युवक की हत्या हुई थी। पुटुश की हत्या का आरोप अनंत सिंह पर लगा था। इसके बाद अनंत सिंह पर बिहटा निवासी राजू सिंह के अपहरण का केस भी दर्ज हुआ। राजू सिंह के अपहरण मामले में 24 जून 2015 को पटना पुलिस ने हार्डिंग रोड में स्थित अनंत सिंह के सरकारी आवास पर छापेमारी की थी। जहां से इंसाफ के मैगजीन के साथ-साथ बलेट प्रूफ जैकेट बरामद किया था।
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जदयू से तकरार व राजद में शामिल होने के बाद से बढ़ी मुश्किलें-
छापेमारी के बाद अनंत सिंह को पुलिस पकड़ कर अपने साथ ले गई थी। मामले में सचिवालय थाना में आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। जबकि, राजू सिंह के अपहरण मामले में उन्हें जेल भेजा गया था। आज इस मामले की सुनवाई के बाद उन्हें 10 साल की सजा सुनाई गई। बताते चले कि अनंत सिंह की पहचान बिहार के बाहुबली नेताओं में है। पटना के मोकामा-बाढ़ क्षेत्र में उनका गजब का दबदबा है। जेल में रहते हुए भी अनंत सिंह मोकामा से चुनाव जीतने में सफल होते है। लेकिन जदयू और नीतीश कुमार से तकरार और राजद में शामिल होने के बाद से अनंत सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।