दरअसल अनिल बैजल के पांच वर्षों से ज्यादा के कार्यकाल के दौरान आम आदमी पार्टी से कई बार अनबन की स्थिति रही। यही नहीं आप सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर भी काफी खींचतान चली। लेकिन इन सबके बीच अनिल बैजल का इस्तीफा ऐसे वक्त पर हुआ है, जब केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीनों निगमों के एकीकरण का फैसला ले लिया है। माना जा रहा है जल्द ही दिल्ली में एमसीडी को लेकर चुनाव हो सकते हैं।
दिल्ली का अगला LG बनने की रेस में राकेश मेहता का नाम आगे है। राकेश मेहता गुजरात काडर के IAS ऑफिसर हैं। इसके साथ ही वे दिल्ली के पूर्व चीफ सेक्रेटरी और इलेक्शन कमिश्नर भी रह चुके हैं। मेहता को केंद्र का करीबी भी माना जाता है। यही नहीं वे राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं में रहते हैं। ऐसे में वे उपराज्यपाल की रेस में आगे चल रहे हैं।
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दिल्ली का एलजी बनने की दौड़ में प्रफुल्ल खोड़ा पटेल के नाम को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पटेल मौजूदा समय में लक्ष्यद्वीप के उपराज्यपाल हैं। हालांकि वह लक्ष्यद्वीप में लिए गए अपने कई फैसलों को लेकर विवादों में रहे थे। लेकिन उन्हें भी केंद्र खास तौर पर मोदी-शाह का करीबी माना जाता है।
स्थानीय लोगों ने पटेल के फैसलों को लेकर विरोध किया था। यही वजह है कि अब सरकार उन्हें वहां से हटाकर दिल्ली की अहम जिम्मेदारी सौंप सकती है।
पटेल का नाम इसलिए भी आगे है क्योंकि इसी वर्ष मार्च में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट कर लिखा था कि, अनिल बैजल को हटाकर लक्ष्यद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को दिल्ली का अगला एलजी बनाया जा रहा है।
दिल्ली का अगला उपराज्यपाल बनने की रेस में तीसरा महत्वपूर्म नाम जो चर्चा में है वो है राजीव महर्षि। राजीव भी अनिल बैजल की तरह पूर्व गृहसचिव रह चुके हैं। ऐसे में उन्हीं केंद्र सरकार दिल्ली की कमान सौंप सकती है। साथ ही वह वित्त सचिव कैग के रूप में भी काम कर चुके हैं। लिहाजा केंद्र के कामों को किस तरह जमीनी स्तर पर उतारना है इसका राजीव को अच्छा अनुभव है।
दिल्ली के अगले एलजी के नामों में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के नाम भी चर्चाएं हैं। दरअसल सुनील अरोड़ा का कार्यकाल भी इसी वर्ष अप्रैल के महीने में खत्म हुआ है। यानी पिछले महीने ही उन्होंने एक बड़ी जिम्मेदारी पूरी की है। ऐसे में माना जा रहा है कि, केंद्र सरकार उन्हें भी ये महती जिम्मेदारी सौंप सकती है। सुनील अरोड़ा स्किल डेवलपमेंट मिनिस्ट्री और सूचना व प्रसारण मंत्रालय में भी सचिव रह चुके हैं।
5. राकेश अस्थाना
दिल्ली के वर्तमान पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना भी दिल्ली के अगले उपराज्यपाल बनने की रेस में प्रमुख दावेदार हो सकते हैं। दरअसल बीते वर्ष जुलाई में ही उन्हें कमिश्नर बनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि, अस्थाना केंद्र और राज्य के बीच तालमेल बैठाने में काफी हद तक सफल भी रहे। हालांकि उनकी नियुक्ति को लेकर मामला कोर्ट में भी गया था जिसे दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। इस वक्त वह केस सुप्रीम कोर्ट में है।
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