वहीं, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आजाद के बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि सेना को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। इस बीच कश्मीर में अलगाववादियों के साथ साथ मुख्यधारा नेताओं ने भी सेना प्रमुख रावत के बयान की आलोचना की है।
हालात के लिए केन्द्र जिम्मेदार अपने गृह राज्य में मौजूदा हालात के लिए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ये हालात केंद्र सरकार की नाकामी की वजह से है। इन्हें समझ नहीं आया, क्या करना है।
उन्होंने पूछा कि हम भी सरकार चलाते थे, तब क्यों नहीं हुआ? सेना प्रमुख के बयान पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि यह कहना कि हम कश्मीर के बच्चों को पकड़ लेंगे, इसे देश के लोग पसंद नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले साल 1000 बच्चों को पैलेट गन लगे। 100-200 बच्चों की आंखें चली गईं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी की आलोचना जम्मू-कश्मीर की मुख्य विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते हुए सेना प्रमुख रावत के बयान की आलोचना की है। पार्टी नेता मुस्तफा कमल रावत के बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि मैं हैरान हूं कि आर्मी के एक सीनियर अधिकारी इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस तरह की भाषा डींग हांकने वाले और गुंडे इस्तेमाल करते हैं।
भाजपा ने की आलोचना कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का बयान सामने आते ही भाजपा ने फौरन ही पलटवार किया। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मैं कांग्रेस के बयान की आलोचना करता हूं। क्या हम सेना और सेना प्रमुख को राजनीति से दूर रख सकते हैं? इससे पहले केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कश्मीर में आतंकवादरोधी अभियानों के दौरान बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के सेना प्रमुख बिपिन रावत के बयान का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि पत्थरबाजों और राष्ट्रीय हित के खिलाफ जो भी काम करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है।
ये कहा था रावत ने सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन्स में बाधा डालने वालों को आतंकवादियों का सहयोगी समझा जाएगा और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उनका इशारा आतंकियों के एंकाउंटर के वक्त सुरक्षा बलों पर पथराव करने वाले लोगों की तरफ था।