इनमें से 26 लड़कों और दो लड़कियों ने जेईई मेन और 9 लड़कों ने आईआईटी में प्रवेश के लिए एडवांस परीक्षा पास की। एक छात्र ने एडवांस परीक्षा में 94 वां और एक अन्य ने 291 वां रैंक हासिल किया है। यह पहला मौका है, जब जम्मू कश्मीर के छात्रों ने सेना की मदद से कोचिंग लेकर इतने बड़ी संख्या में परीक्षा पास की।
तो वहीं इन छात्र और छात्राओं में घाटी में आतंकवाद के गढ़ माने जाने वाले दक्षिण कश्मीर के भी बच्चे शामिल हैं। इन छात्र – छात्राओं ने जनरल रावत से उनके साउथ ब्लाक स्थित कार्यालय में मुलाकात की। जनरल रावत ने छात्रों को बधाई दी और उनकी हौसला अफजाई की। इनमें से 35 छात्रों को श्रीनगर में तथा 5 छात्राओं को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कोचिंग दी गई थी।
सेना ने इन छात्रों को अपने प्रशिक्षण सहयोगी सीएसआरएल और पेट्रोनेट एलएनजी के सहयोग से कोचिंग दी है। सेना राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को परीक्षाओं के लिए कोचिंग देने के उद्देश्य से सुपर 40 नाम का अभियान चलाती है। बाद में इन छात्र छात्राओं ने केन्द्रीय मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इन छात्रों ने यह प्रतिष्ठित परीक्षा पास कर राज्य के अन्य छात्रों के समक्ष उदाहरण पेश किया है।
इस उपलब्धि के लिए उन्होंने सेना और छात्रों को कोचिंग देने वाले संगठनों के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सेना ने केवल देश की सीमाओं की रक्षा कर रही है बल्कि छात्रों को पढ़ाकर राष्ट्र के निर्माण में भी योगदान कर रही है। इस मौके पर सेना की 19 वीं इन्फेन्ट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल आर पी खलिता और छात्रों को कोङ्क्षचग देने वाले संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि घाटी में आतंकियों की घुसपैठ और हमले को सेना हमेशा जूझती रहती है। तो वहीं पत्थरबाजों से निपटना पड़ता है। ऐसे में सेना की ओर से सुपर 40 कोचिंग का संचालन कहीं ना कहीं इस दहशतगर्दी पर लगाम लगाने की एक कड़ी के रुप में देखा जा सकता है। जहां जम्मू-कश्मीर से इस साल रिकॉर्ड 28 बच्चों ने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा पास कर लिया है।