इन नेताओं को मिला न्योता
कांग्रेस ने कल बेंगलुरू में शपथ ग्रहण को शानदार बनाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। शपथ ग्रहण में मोदी विरोधी तमाम नेताओं को न्यौता दिया गया है। इसके माध्यम से कांग्रेस 2024 से पहले एक मैसेज देने की कोशिश करेगी। शपथ ग्रहण समारोह में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और कांग्रेस शासित राज्य जैसे राजस्थान, छतीसगढ़, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल होंगे।
पार्टी अध्यक्ष मलिक्कार्जुन खरगे ने सबसे पहले शरद पवार को फोन करके शपथग्रहण में शामिल होने का न्योता दिया। उसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के अलावा अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव,उद्धव ठाकरे, फारुक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती जैसे तमाम नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता भेजा गया है।
अरविंद केजरीवाल, KCR और भगवंत मान को नहीं मिला न्योता
बता दें कि, इनविटेशन लिस्ट में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव (KCR), पंजाब के सीएम भगवंत मान समेत कई नामों को शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लगाए जा रहे सियासी गठबंधन के कयासों के बीच एकजुट होने से पहले टूट की स्थिति देखने को मिल रही है।
राजनितिक विश्लेषकों की माने तो, केजरीवाल और भगवंत मान को नहीं बुलाने के पीछे दिल्ली और पंजाब कांग्रेस के नेताओं का विरोध प्रमुख वजह है। गुजरात में भी आप ने कांग्रेस का हाल ख़राब किया था। अभी कुछ दिन पहले भी दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने खुलकर आप की बगावत की थी।
दोनों का ही कहना था कि आप ने हमेशा से कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में उसके साथ हाथ मिलाना हर दृष्टि से गलत है। दिल्ली कांग्रेस के कई नेताओं ने सीएम केजरीवाल के घर बनने में हो रहे खर्चे पर पर खूब आवाज उठाई थी।
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सिर्फ समान विचारधारा वाले पार्टी नेता आमंत्रित
वहीं, पार्टी संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि हम सिर्फ समान विचारधारा वाले पार्टी नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। बता दें कि कर्नाटक की प्रचंड जीत ने कांग्रेस के लिए न केवल प्राण फूंकने वाली संजीवनी बूटी की काम किया बल्कि अब पार्टी 2024 में मोदी को आने से रोकने के लिए पहले से दोगुने जोश से जमीन पर काम करने में भी जुट गई है।
अब कर्नाटक से पूरे देश को ठीक उसी तरह से सन्देश देने की तैयारी चल रही है जैसी 2018 के कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान देखने को मिली थी। उस दौरान भी कांग्रेस ने मोदी विरोधी नेताओं का जमावड़ा लगाकर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी की थी।
उस वक्त भी ये सभी चेहरे थे और उनमें से ज्यादातर चेहरों को इस बार भी न्योता भेजा गया है। कांग्रेस 20 मई को 2024 का हुंकार भरेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को उम्मीद है कि बैंगलुरु में 20 मई को मोदी विरोधी मोर्चे की बड़ी एकजुटता देश को दिखाई देगी।