हम इसे नहीं भूल सकते – आसमा जहरा तैयबा महिला कार्यकर्ता और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सदस्य डॉ आसमा जहरा तैयबा ने भी कहा कि, बाबरी मस्जिद का विध्वंस हमेशा याद रखा जाएगा। आसमा जहरा तैयबा ने अपने ट्वीट में लिखा कि, हम इसे नहीं भूल सकते और हम इस दिन को याद रखेंगे। ‘योम ए शहादत।’ मस्जिद मुस्लिम समुदाय का केंद्र मरकज है। बाबरी मस्जिद का पतन और पिछले 30 वर्षों में मुसलमानों की स्थिति को आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है।
हैदराबाद शांत रहा, पुलिस मुस्तैद रही हैदराबाद में बाबरी विध्वंस की बरसी शांतिपूर्ण रही। बाबरी विध्वंस की बरसी को लेकर पुलिस रविवार से ही अलर्ट थी। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) या किसी अन्य प्रमुख मुस्लिम संगठन ने बंद या ‘काला दिवस’ मनाने का आह्वान नहीं किया। हालांकि, कुछ छोटे धार्मिक संगठनों जरूर ऐसी कोशिश की पर वे अधिक सफल नहीं हो पाए।
उसी स्थान पर होगा बाबरी मस्जिद का पुनर्निर्माण बरसी से एक दिन पहले शहर के सईदाबाद इलाके में महिलाओं के एक समूह ने प्रार्थना सभा का आयोजन किया। उन्होंने 6 दिसंबर को भारत के इतिहास का काला दिन बताते हुए बाबरी मस्जिद के जीर्णोद्धार की दुआ मांगी। महिलाओं ने कहा कि, मस्जिद हमेशा के लिए मस्जिद ही रहती है। एक दिन स्थिति बदलेगी और उसी स्थान पर बाबरी मस्जिद का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
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