असम पुलिस को प्रेसिडेंट कलर अवार्ड देने के साथ ही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने अफस्पा को लेकर भी बड़ी घोषणा की। केंद्रीय मंत्री ने कहा 1990 में असर में अफस्पा (आर्म्स फोर्सेज स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट) लगाया गया था। इसे सात बार बढ़ाया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 8 साल के कार्यकाल के बाद असर के 13 जिले अफस्पा से बाहर किए जा चुके हैं। जो कि राज्य का 60 फीसदी हिस्सा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि राज्य में अफस्पा को और कम किया जाएगा। हम यह तय करेंगे कि असम के बाकी बचे हिस्से से ही अफस्पा को हटा लिया जाए।
The areas under the AFSPA have been reduced in Assam. We will make sure AFSPA is removed from all areas in the State: Union Home Minister Amit Shah in Guwahati pic.twitter.com/i0jujDNYnb
— ANI (@ANI) May 10, 2022
उल्लेखनीय हो कि असम सहित पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में अफस्पा को लेकर लंबे समय से विरोध-प्रदर्शन चल रहा है। इस कानून के तहत सेना के जवानों को यह अधिकार मिलता है कि वो जब चाहे तब किसी के भी घर पर छापेमारी कर सकता है। शक के आधार पर किसी को गिरफ्तार कर सकता है। पूर्वोत्तर भारत में अफस्पा के विरोध में मणिपुर की आयरन लेडी कही जाने वाली इरोम चानू शर्मिला ने 23 सालों तक लगातार अनशन किया था। बीते कुछ सालों में पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा कम होने के बाद धीरे-धीरे अफस्पा को कम किया जा रहा है।
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दूसरी ओर अमित शाह ने असम पुलिस को जो प्रेसिंडेट कलर अवार्ड दिया, उसे प्राप्त करना किसी भी भारतीय सुरक्षाबल के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। यह उपलब्धि हासिल करने वाला असम दसवां राज्य बन गया है। असम पुलिस को यह सम्मान, उग्रवाद से निपटने, अपराध को नियंत्रित करने, कानून व्यवस्था बनाए रखने और नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा में अपने असाधारण प्रदर्शन के लिए दिया गया है।