अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि साल 2013 से 2016 के बीच एकत्रित 82 में से 32 नमूने उत्पाद गुणवत्ता में फेल रहे। इनमें पतंजलि का दिव्य आंवला रस आैर शिवलिंगी बीज भी शामिल हैं। इससे पहले, पश्चिम बंगाल सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला में पतंजलि का दिव्य आंवला रस फेल हो गया था। इसके बाद सशस्त्र बलों के कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट ने इस रस की बिक्री पर रोक लगा दी थी।
उत्तराखंड राज्य सरकार की प्रयोगशाला रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘पीएच मान’ दिव्य आंवला रस में निर्धारित सीमा से कम पाया गया। इसका कम होना कुछ रोगों का कारण हो सकता है। हालांकि बाबा रामदेव के सहयोगी आैर पतंजलि सीर्इआे बालकृष्ण ने उत्तराखंड सरकार की प्रयोगशाला रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि शिवलिंगी बीज एक प्राकृतिक बीज है आैर यह दूषित कैसे हो सकता है? साथ ही उन्होंने इस रिपोर्ट को पतंजलि की छवि को खराब करने की कोशिश करार दिया है।