इस साल देश में आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) भी मनाया जा रहा है। ऐसे में बीटिंग द रिट्रीट समारोह में कई सारी नई धुनों को जोड़ा गया है। इन धुनों में ‘केरल’, ‘हिंद की सेना’ और ‘ऐ मेरे वतन के लोग’ शामिल हैं।
वहीं, कार्यक्रम का समापन ‘सारे जहां से अच्छा…’ की लोकप्रिय धुन के साथ किया जाएगा। वहीं, सभी की नजरें इस बार होने वाले ड्रोन शो पर टिकी हुई हैं। आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर इस बार ड्रोन शो को शामिल किया गया है।
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जानकारों की मानें तो बीटिंग रिट्रीट समारोह की परंपरा लगभग 300 साल पुरानी है और सबसे पहले इसकी शुरुआत 17वीं शताब्दी में इंग्लैंड में की गई थी। उस समय जेम्सI ने जंग की समाप्ति के बाद अपने सैनिकों को शाम के वक्त परेड करने और बैंड बाजों की धुन बजाने का अदेश दिया था।
आज के कार्यक्रम में होने वाले इस ड्रोन शो का आयोजन तकरीबन 1,000 स्वदेशी ड्रोन के साथ किया जाएगा। इस दौरान ड्रोन के साथ एक बैकग्राउंड म्यूजिक भी बजाया जाएगा। बीटिंग द रिट्रीट समारोह के समापन से ठीक पहले आजादी के 75 साल पूरा होने के अवसर पर प्रोजेक्शन मैपिंग शो का भी आयोजन होना है।
ये आयोजन तीन से चार मिनट तक चलेगा और शो को नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की दीवारों पर प्रदर्शित किया जाएगा। यहां गौर करने वाली बात ये है कि गणतंत्र दिवस परेड की तरह ही बीटिंग द रिट्रीट समारोह के लिए पर्यावरण के अनुकूल निमंत्रण पत्र तैयार किए गए हैं।
अभी कार्यक्रम में कुल 26 धुनें बजाई जा रही हैं। भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के बैंड धुन बजा सभी का दिल जीत रहे हैं। कुछ देर में पहली बार विजय चौक पर प्रोजेक्शन मैपिंग भी देखने को मिलने वाली है।