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West Bengal: अब राज्यपाल की जगह शिक्षा मंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के विजिटर, विधानसभा ने पारित किया बिल

locationनई दिल्लीPublished: Jun 14, 2022 06:02:54 pm

Submitted by:

Archana Keshri

बंगाल के शिक्षामंत्री ब्रात्य बसु ने मंगलवार को विधानसभा में निजी विश्वविद्यालयों के विजिटर पद से राज्यपाल को हटाकर शिक्षामंत्री को नियुक्त करने से संबंधित बंगाल निजी विश्वविद्यालय कानून संशोधन बिल 2022 पेश किया गया जिसे अब पारित कर दिया गया है। इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री को सरकारी विश्वविद्यालयों का चांसलर बनाने का विधेयक पारित किया गया था।

West Bengal: अब राज्यपाल की जगह शिक्षा मंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के विजिटर, विधानसभा ने पारित किया बिल

West Bengal: अब राज्यपाल की जगह शिक्षा मंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के विजिटर, विधानसभा ने पारित किया बिल

पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ की जगह शिक्षा मंत्री को राज्य के निजी विश्वविद्यालयों का विजिटर नियुक्त करने वाला विधेयक पारित किया गया। इससे पहले बंगाल के शिक्षामंत्री ब्रात्य बसु ने विधानसभा में निजी विश्वविद्यालयों के विजिटर पद से राज्यपाल को हटाकर शिक्षामंत्री को नियुक्त करने से संबंधित बंगाल निजी विश्वविद्यालय कानून संशोधन बिल 2022 पेश किया था। बिल पर जब शिक्षामंत्री ने बोलना शुरू किया तो भाजपा विधाय इसके विरोध में नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर निकल गए।
विधेयक पर चर्चा पूरी होने के बाद जैसे ही शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने बोलना शुरू किया, भाजपा विधायक “शर्म करो, शर्म करो!” के नारे लगाने लगे। बसु ने उनसे अपनी सीट न छोड़ने का आग्रह भी किया, मगर भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। भाजपा ने बिल का विरोध करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री को कुलाधिपति नियुक्त किए जाने से राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली में प्रत्यक्ष राजनीतिक हस्तक्षेप हो सकता है।
भाजपा के विधायकों ने विरोध में वॉकआउट कर लिया, और उनके सदन में उपस्थित न होने पर विधेयक ध्वनि मत से पारित किया गया। विधेयक में राज्यपाल की जगह शिक्षा मंत्री को राज्य के 11 निजी विश्वविद्यालयों का विजिटर बनाने का प्रस्ताव है। विधानसभा में विपक्ष की अनुपस्थिति में पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालयो कानून (संशोधन) बिल 2022 पारित हो गया। इससे ठीक एक दिन पहले सोमवार को राज्यपाल को हटाकर मुख्यमंत्री को राज्य के 31 सरकारी विश्वविद्यालयों का चांसलर बनाने से संबंधित बिल पास किया गया था।

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शिक्षा मंत्री ने पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालयो कानून (संशोधन) बिल 2022 को सदन में पेश करते समय कहा था कि मुख्यमंत्री को चांसलर बनाने में कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा था कि अगर केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्वभारती के चांसलर प्रधानमंत्री हो सकते हैं तो मुख्यमंत्री राज्य के विश्वविद्यालयों के क्यों नहीं? आपको बता दें, विश्वविद्यालयों के अलावा कई मुद्दों पर जुलाई 2019 में पदभार संभालने के बाद से राज्यपाल जगदीप धनखड़ और राज्य की टीएमसी सरकार आमने-सामने हैं।

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