अब मामले को लेकर डीएमके के बड़े नेता ने गीता रखे जाने पर केंद्र सरकार और बीजेपी को आड़े हाथ लिया है। डीएमके नेता स्टालिन ने कहा कि कलाम की प्रतिमा के पास भगवत गीता को रखना केंद्र सरकार की लोगों पर सांप्रदायिकता थोपने की कोशिश है। साथ ही कहा कि उनके प्रतिमा के सामने तमिल का महान ग्रन्थ तिरुक्करल क्यों नहीं हैं।
जबकि वीणा लिए हुए अब्दुल कलाम की प्रतिमा के पास भगवत गीता की मौजूदगी को लेकर एमडीएमके नेता वायको ने कहा कि प्रतिमा के पास भगवत के साथ तमिल का महान ग्रन्थ तिरुरक्कल भी रखी जानी चाहिए। जो कि तमिल के महान कवियों द्वारा लिखी गई है। जबकि इस मामले को लेकर कलाम के परिवार के लोग भी नाखुश हैं, उनकी इच्छा है कि कलाम के प्रतिमा के पास सभी धर्म ग्रन्थों के अंश रखे जाए।
मामले को तूल पकड़ता देख प्रतिमा की देख रेख करने वाली संस्था ने कहा कि कलाम को वीणा से खास लगाव था, इसलिए उनके हाथ में वीणा रखी गई। हालांकि गीता को लेकर उन्होंने केवल इतना कहा कि अब इस विवाद को खत्म करने के लिए कलाम की प्रतिमा के पास भगवत गीता के अलावा कुरान और बाइबल भी रखी दी गई है।
गौरतलब है कि 27 जुलाई को पीएम मोदी ने देशवासियों को समर्पित करते हुए जहां अब्दुल कलाम को दफन किया गया था, वहीं एक स्मारक का अनावरण किया था। जहां कलाम की वीणा बजाते हुए लकड़ी की एक प्रतिमा को स्थापित किया गया था, और पास में भगवत गीता को रखा गया था। जिसके लेकर डीएमके ने केंद्र और बीजेपी पर देश में भगवाकरण का आरोप लगाया।