कांग्रेस के तरफ से डाली गई याचिका पर सुनवाई कर रहे जस्टिस यशवंत वर्मा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, ‘हम इस मामले में दखल देने का कोई आधार नहीं पाते।’ इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस के खिलाफ 13 फरवरी को नोटिस जारी किया था। आईटी अथॉरिटी ने नोटिस में अनुमान जाहिर किया था कि कांग्रेस को 199 करोड़ रुपये की रकम मिली है।
इसी मामले में आईटी डिपार्टमेंट ने फरवरी में कांग्रेस के 4 बैंक खातों को फ्रिज कर दिया था। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया और बाद में ट्राइब्यूनल का रुख किया। पार्टी का कहना था कि यदि उनके खातों को फ्रीज किया गया तो पार्टी अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाएगी। इस मामले में आईटी विभाग का कहना था कि कांग्रेस को 65 करोड़ रुपये की रकम सरकार को अदा करनी थी, जो उसने समय रहते नहीं किया। इनकम टैक्स विभाग के अनुसार देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पर कुल 103 करोड़ रुपये की रकम बकाया है जो उसने अदा नहीं किया है और इसपर 32 करोड़ रुपये का इंटरेस्ट बनता है। इस तरह कुल बकाया रकम 135 करोड़ रुपये है।
बीजेपी ने साधा था निशाना
कांग्रेस द्वारा सरकार पर उन्हें आर्थिक रूप से पंगु बनाने की कोशिश करने के आरोप पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा था कि अपने आप को संविधान, कानून और नियमों से ऊपर मानने वाली कांग्रेस को आज टैक्स की प्रक्रिया भी वसूली लग रही है। भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा था कि कांग्रेस पार्टी को यह लगता है कि वह संविधान और कानून से ऊपर है और इसलिए कांग्रेस नेताओं ने आज अपने अधिकृत मंच से जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की है, उसने ‘उल्टा चोर- कोतवाल को डांटे’ की कांग्रेस की मानसिकता को उजागर कर दिया है।