दरअसल, सिसवानिया गांव निवासी अली असगर जिसे अब्दुल्ला बिहारी नाम से भी जाना जाता है, प्रतिबंधित जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) संगठन की गतिविधियों की जांच के सिलसिले में सातवां आरोपी है। इससे पहले इस मामले में कार्रवाई करते हुए एटीएस ने मध्य प्रदेश के ऐशबाग और पुराने भोपाल के इलाके से छह आतंकियों को गिरफ्तार किया था।
ये सभी आतकीं JMB की योजनाओं और विचारधाराओं के प्रचार-प्रसार में शामिल पाए गए थे। ये लोग युवाओं को भारत के खिलाफ जिहाद के लिए प्रेरित कर रहे थे। बताया जा रहा है कि 14 मार्च को मध्य प्रदेश एटीएस ने प्रतिबंधित संगठन JMB के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की थी। वहीं 5 अप्रैल को NIA ने दोबारा इस मामले को दर्ज कर जांच शरु की थी।
असगर इस मामले में पहले से गिरफ्तार किए गए आरोपियों का करीबी था। वह बांग्लादेश में अन्य आतंकियों के साथ लगातार एक एप्लीकेशन के जरिए भी संपर्क में था। NIA के एक अधिकारी ने बताया कि असगर को बिहार के पूर्वी चंपारण इलाके में छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया। अधिकारी ने कहा, “वह पहले गिरफ्तार किए गए आरोपी व्यक्तियों का करीबी सहयोगी है और भारत व बांग्लादेश में अन्य सहयोगियों के साथ गुप्त रूप से संवाद करने के लिए एन्क्रिप्टेड एप्लिकेशन का उपयोग करते पाया गया।”