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Bihar News: कानून मंत्री ही नहीं, बिहार में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित 72 फीसदी मंत्री दागी, 84% करोड़पति, ADR की रिपोर्ट में खुलासा

locationजयपुरPublished: Aug 18, 2022 10:08:08 am

Submitted by:

Swatantra Jain

बिहार में एनडीए की सरकार के पतन के बाद, बिहार में नए मंत्रिमंडल में शामिल 72 फीसदी मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। गैर-सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) ने यह जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक, 23 मंत्रियों (72 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। जबकि 17 मंत्रियों (53 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वहीं, 32 मंत्रियों में से 27 (84 फीसदी) करोड़पति हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले दर्ज हैं।

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बिहार में नए मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों पर तमाम सवाल उठना शुरू हो गए हैं। सबसे पहले कानून मंत्री के फरार होने की खबर आई और अब बिहार में नए मंत्रिमंडल में शामिल 72 फीसदी मंत्रियों के दागी होने की खबर भी आ गई है। गैर-सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) ने यह जानकारी दी है कि बिहार में 72 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले दर्ज हैं। हाल में बीजेपी का साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री कुमार ने मंगलवार को 31 मंत्रियों को शामिल करते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार किया था।
बिहार इलेक्शन वॉच और एडीआर की रिपोर्ट

बिहार मंत्री परिषद के विस्तार के बाद ADR और ‘बिहार इलेक्शन वॉच’ ने मुख्यमंत्री समेत 33 में से 32 मंत्रियों द्वारा 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल एफिडेविट का विश्लेषण किया है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, JDU के नेता और कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी को अपना एफिडेविट जमा करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वह विधान परिषद के मनोनीत सदस्य हैं, इसलिए आपराधिक, वित्तीय और अन्य विवरणों संबंधी उनकी जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है।
17 मंत्रियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले, 84 फीसदी करोड़पति

रिपोर्ट के मुताबिक, 23 मंत्रियों (72 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं जबकि 17 मंत्रियों (53 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वहीं, 32 मंत्रियों में से 27 (84 फीसदी) करोड़पति हैं। इसके मुताबिक, सर्वाधिक संपत्ति वाले मंत्री समीर कुमार महासेठ हैं जो मधुबनी सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। समीर की संपत्ति 24.45 करोड़ रुपये की है। वहीं, सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम हैं, जिनकी संपत्ति 17.66 लाख रुपये की है। एडीआर के मुताबिक, 8 मंत्रियों (25 प्रतिशत) ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं से 12वीं कक्षा के बीच जबकि 24 मंत्रियों (75 प्रतिशत) ने ग्रेजुएशन या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता घोषित की है।
कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट

वहीं, आपको बता दें कि सीएम नीतीश ने कार्तिकेय सिंह को राज्य के कानून विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है। अब आरोप यह लग रहा है कि नीतीश कुमार ने एक वांटेड को कानून मंत्री बना दिया है। दरअसल बिहार के नए कानून मंत्री पर बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को अपहरण के एक केस में कल दानापुर कोर्ट में सरेंडर करना था लेकिन कार्तिकेय सिंह शपथ लेने राज भवन पहुंच गए। वहीं कार्तिकेय सिंह कहा कि उनके खिलाफ कोई वारंट नहीं है। उन्होंने एफिडेविट में सारी जानकारी दी है।

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