पुलिस ने इस मामले की जांच में खुलासा करते हुए कहा है कि, फुलवारी शरीफ निवासी मारगुव अहमद दानिश को कतर स्थित संगठन ‘अल्फाल्ही’ से क्रिप्टोकरंसी के रूप में फंडिंग मिली थी।' NIA भी अब इस मामले की जांच कर रहा है। इसके अलावा पुलिस ने जानकारी दी कि वो फैजान नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक और पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक के साथ नियमित रूप से संपर्क में था।
पुलिस ने जानकारी दी कि "जांच में सामने आया है कि व्हाट्सऐप ग्रुप ‘गजवा-ए-हिंद’ पर राष्ट्रीय ध्वज और प्रतीक का अपमान करने वाले मैसेज शेयर किये गए थे।" जानकारी के मुताबिक इस ग्रुप का ऐड्मिन खुद दानिश था और वो कई विदेशी ग्रुपों से जुड़ा हुआ था। ये व्हाट्सऐप ग्रुप 2016 से ही सक्रिय है। दानिश के परिवार के 6 लोग पाकिस्तान के कराची में रहते हैं।
पुलिस ने जानकारी दी कि "जांच में सामने आया है कि व्हाट्सऐप ग्रुप ‘गजवा-ए-हिंद’ पर राष्ट्रीय ध्वज और प्रतीक का अपमान करने वाले मैसेज शेयर किये गए थे।" जानकारी के मुताबिक इस ग्रुप का ऐड्मिन खुद दानिश था और वो कई विदेशी ग्रुपों से जुड़ा हुआ था। ये व्हाट्सऐप ग्रुप 2016 से ही सक्रिय है। दानिश के परिवार के 6 लोग पाकिस्तान के कराची में रहते हैं।
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