सिंडिकेट ने पिछले साल 04 दिसंबर को विश्वविद्यालय के 14 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की सिफारिश की थी, जिनमें सात सेवानिवृत्त हो चुके हैं जबकि एक की मृत्यु हो गई है। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के परीक्षा बोर्ड ने सिंडिकेट को अनियमितता और फर्जीवाड़ा के आधार पर तोमर की लॉ डिग्री को रद्द किए जाने की अनुशंसा की थी।
तोमर मुंगेर स्थित विश्वनाथ सिंह इंस्टीच्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (वीएसआईएलएस) से लॉ की डिग्री प्राप्त की थी। उनकी फर्जी लॉ की डिग्री का मामला प्रकाश में आने के बाद जांच के आदेश दिए गए थे।