बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा महाराष्ट्र सरकार को 3 सप्ताह पहले पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को 27% आरक्षण देने के फैसले पर रोक लगा दिया गया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने अध्यादेश का मसौदा मंजूरी के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास भेजा था। हालांकि उस समय राज्यपाल कोश्यारी ने अध्यादेश के कुछ हिस्सों पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद उसमें बदलाव करने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में पेश किया गया था।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की तर्ज पर सरकार ने दी थी मंजूरी
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र कार ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की तर्ज पर अध्यादेश के जरिए अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया था हालांकि राज्य के विधि व न्याय विभाग ने अध्यादेश के जरिए ओबीसी के निर्वाचन कोटा तय करने के निर्णय को कानूनी तौर पर गैरमुनासिब करार दिया था।
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मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया स्थगित किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। मध्य प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करेगी कि ओबीसी आरक्षण पर जल्द से जल्द सुनवाई हो। राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरक्षित की गई ओबीसी सीटों पर चुनाव स्थगित करने को कहा। जिस पर चुनाव आयोग ने आदेश भी जारी कर दिए। साथ ही अन्य स्थानों पर चुनाव कराने के बाद नतीजा घोषित करने पर रोक लगाई गई है।
आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया स्थगित किए जाने के बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने बताया कि पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट से हमारी सरकार तक दरख्वास्त करेगी।