script

ओवैसी के गढ़ हैदराबाद में BJP का हिंदुत्व कार्ड, कैसे योगी की एंट्री से बदलेंगे समीकरण

Published: Jul 03, 2022 04:13:15 pm

Submitted by:

Mahima Pandey

Yogi in Hyderabad: तेलंगाना में अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए बीजेपी दिन-रात लगी हुई है। अब 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने हिन्दुत्व कार्ड का दांव भी चल दिया है। इसी के तहत यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की एंट्री हुई है। समझिए कैसे महत्वपूर्ण हैं योगी की भूमिका…

BJP play its hindutva card,   CM Yogi visit Bhagyalakshmi temple in Hyderabad will change equation

BJP play its hindutva card, CM Yogi visit Bhagyalakshmi temple in Hyderabad will change equation

BJP hindutva card: गुजरात और हिमाचल प्रदेश के अलावा बीजेपी की निगाहें तेलंगाना पर टिकी हुई हैं। इस राज्य में अपने कद को और मजबूत करने के लिए बीजेपी दिन-रात लगी हुई है। यही वजह है कि करीब 18 साल बाद तेलंगाना में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर रही है जिसमें कई बड़े नेता शामिल हुए हैं। केसीआर भी बीजेपी को चुनौती की तरह देख रहे हैं तभी वो बीजेपी पर हमलावर होने का एक मौका नहीं छोड़ रहे। अब इस पूरे खेल में योगी आदित्यनाथ की एंट्री हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आज दूसरा दिन है। इसमें शामिल होने से पहले वो ओवैसी के गढ़ हैदराबाद पहुंचे और यहाँ चारमीनार स्थित भाग्य लक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना की।
योगी की एंट्री के क्यों महत्वपूर्ण?
दरअसल, तेलंगाना में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए बीजेपी की रणनीतिक लिस्ट में परिवरवाद के अलावा हिन्दुत्व कार्ड भी शामिल है। इसी रणनीति का हिस्सा योगी आदित्यनाथ भी माने जा रहे हैं। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के गढ़ हैदराबाद में चारमीनार स्थित भाग्य लक्ष्मी मंदिर में योगी का जाना ही एक तरह से बीजेपी का बड़ा संकेत है। पिछली बार जब योगी आदित्यनाथ हैदराबाद नगर निगम चुनाव के दौरान आए थे तब उन्होंने कहा था कि बीजेपी सत्ता में आई तो इसका नाम बदलकर भाग्यनगर कर दिया जाएगा। इससे यहाँ के हिन्दू मतदाताओं को साधने का काम बीजेपी ने शुरू कर दिया था।

त्रिपुरा और कर्नाटक में दिखा था योगी का जादू, अब तेलंगाना में भी..
हाल ही में यूपी रामपुर और आजमगढ़ उपचुनावों में बीजेपी को मिली शानदार जीत से पार्टी में उत्साह बढ़ा है। जिस तरह बीजेपी ने कर्नाटक में सरकार बनाई, त्रिपुरा में लेफ्ट के किले को ध्वस्त किया उससे बीजेपी का आत्मविश्वास बढ़ा है। इन दोनों ही राज्यों में जहां जहां योगी ने प्रचार किया था वहाँ पार्टी को जीत मिली है।

वर्ष 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सीएम योगी ने 33 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया था जिनमें से अधिकतर सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार जीते थे। वहीं, योगी आदित्यनाथ ने त्रिपुरा में विधानसभा की 20 सीटों पर चुनाव प्रचार किया था जिनमें से 17 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। इस जीत से स्पष्ट है कि बीजेपी यहाँ के हिन्दू वोटर्स को CM योगी के जरिए साधने में सफल रही थी।
यह भी पढ़ें

18 साल बाद BJP की हैदराबाद में आज से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक

तेलंगाना में 85.10% हिन्दू वॉटर्स
अगर जनसंख्या के हिसाब से देखें तो तेलंगाना में 85.10% हिन्दू वॉटर्स हैं, इसके बाद मुस्लिम जनसंख्या 12.70 फीसदी है। वहीं, हैदराबाद में हिंदुओं की जनसंख्या 51.89% और मुस्लिमों की जनसंख्या 43.35% है। यदि बीजेपी हिन्दू वोटर्स को लुभाने में कामयाब होती है तो बीजेपी के लिए तेलंगाना में सत्ता दूर नहीं है। हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने की घोषणा भी बीजेपी की इसी रणनीति का हिस्सा है। अब तेलंगाना में भी बीजेपी ने रणनीति के तहत सीएम योगी की एंट्री कराई है।
तेलंगाना में बढ़ा बीजेपी का कद
भले ही पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को महज 6.30 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन इसके 6 महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 4 सांसद जीते थे और उसे 16 फीसदी वोट शेयर मिले थे। इसके बाद दुबक्का विधानसभा सीट से एम रघुनंदन राव की जीत बीजेपी के आत्मविश्वास को बढ़ाया है। इसके अलावा ग्रेटर हैदराबाद मुंसिपल कॉरपोरेशन के चुनावी नतीजों में बीजेपी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। इसके बाद राज्य के बड़े ओबीसी नेता ई टला राजेन्द्रा TRS को छोड़ बीजेपी शामिल हो गए।
अब बीजेपी के पास राज्य में ई टला राजेन्द्र, बांडी संजय, एम रघुनंदन राव जैसे बड़े चेहरे हो गए हैं जिनके दम पर बीजेपी अपनी रणनीति को और मजबूत कर सकती है। स्पष्ट है राज्य में बीजेपी का कद बढ़ा है जिसने केसीआर और उनकी पार्टी की चिंताओं को बढ़ा दिया है।

ट्रेंडिंग वीडियो