ये आदेश जस्टिस पीबी वराले और जस्टिस एसएम मोदक की खंडपीठ ने कॉलेज के 4 छात्रों के बीच हुए विवाद में दर्ज दो FIR को रद्द करते हुए दिया है। दरअसल, ये दोनों ही मामले युवकों के दो समूहों के बीच एक दूसरे के खिलाफ काउंटर केस थे।
पहला मामला 27 अप्रैल, 2010 को अंबोली पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 384 , 394, 506 (1) के तहत दर्ज की गई थी। इसके बाद दूसरे पक्ष ने भी मामला दर्ज करवा दिया। हालांकि, बाद में दोनों पक्षों में सुलह हो गई थी लेकिन ये मामला निचली अदलत्व में लंबित था। इसके बाद हाईकोर्ट में जस्टिस पीबी वराले और जस्टिस एसएम मोदक की खंडपीठ ने कहा कि जब दोनों पक्षों में सुलह हो गई है तो फिर इस मामले का कोई मतलब नहीं रह जाता।
हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने पहले मामले में ये अनोखी सजा सुनाई है। इस मामले में की शिकायत एक युवती ने की थी कि उसके कुछ दोस्त उसे अपने साथ ले गए और कोल्डड्रिंक में शराब मिलाकर उसे पीला दी। इसके बाद उसके दोस्तों ने नशे की हालत में उसकी अश्लील फोटो खींची और उसे ब्लैकमेल करने लगे। इसके बाद ही इस युवती ने अंबोली पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया था।
यह एक महिला की शिकायत पर दर्ज किया गया था जो पंजीकरण के समय नाबालिग थी। उसने आरोप लगाया कि उसे उसके एक पुरुष मित्र ने उसके घर बुलाया था। वहां उसकी दोस्त के अलावा कुछ और भी मौजूद थे। उन्होंने उसके पेय में कुछ मिलाया और उसकी कुछ नग्न तस्वीरें खींचीं। ये भी आरोप लगाया गया था कि उसके दोस्त उसे ब्लैकमेल करते थे और पैसे की मांग करते थे।
पहला मामला 27 अप्रैल, 2010 को अंबोली पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 384 , 394, 506 (1) के तहत दर्ज की गई थी। इसके बाद दूसरे पक्ष ने भी मामला दर्ज करवा दिया। हालांकि, बाद में दोनों पक्षों में सुलह हो गई थी लेकिन ये मामला निचली अदलत्व में लंबित था। इसके बाद हाईकोर्ट में जस्टिस पीबी वराले और जस्टिस एसएम मोदक की खंडपीठ ने कहा कि जब दोनों पक्षों में सुलह हो गई है तो फिर इस मामले का कोई मतलब नहीं रह जाता।
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यह एक महिला की शिकायत पर दर्ज किया गया था जो पंजीकरण के समय नाबालिग थी। उसने आरोप लगाया कि उसे उसके एक पुरुष मित्र ने उसके घर बुलाया था। वहां उसकी दोस्त के अलावा कुछ और भी मौजूद थे। उन्होंने उसके पेय में कुछ मिलाया और उसकी कुछ नग्न तस्वीरें खींचीं। ये भी आरोप लगाया गया था कि उसके दोस्त उसे ब्लैकमेल करते थे और पैसे की मांग करते थे।
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