आरबीआई ने दृष्टिहीन लोगो की सहुलियत को ध्यान में रखते हुए अब 500 और 1 हजार स्र्पए की करेंसी पर ब्रेल लिपी के जरिए विशेष चिन्ह बनाये है। इस विशेष चिन्ह के जरिए अब वो लोग असली और नकली नोट की पहचान आसानी से कर सकेंगे। के साथ कर सकेंगे।
चालू वित्तीय वर्ष में आरबीआई द्वारा जारी की जा रही करेंसी में नोट के बाईं ओर खासतौर पर ब्रेललिपि का उपयोग किया गया है।
बाजार में 500 और एक हजार स्र्पए के नकली नोटों का चलन बढ़ने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने असली और नकली नोट की पहचान के लिए नई तरकीब निकाली है। अपनी तरह के पहले और अनूठे प्रयोग के तहत आरबीआई ने 100 स्र्पए,500 और एक हजार स्र्पए के नोट के बाईं ओर दो विशेष चिन्ह बनाया है।
ये चिन्ह ब्रेललिपि की है। नोट के सामने की ओर दाहिनी और बाईं ओर दोनों तरफ कोणीय ब्लीड लाइनें बनाई गई है। 100 स्र्पए के नोट में चार लाइनें,500 रुपये के नोट में पांच लाइनें व एक हजार स्र्पए के नोट में 6 लाइनें हैै । इसके अलावा दृष्टिबाधितों के लिए एक और बड़ी पहचान आरबीआई ने बनाई है। 100 स्र्पए के नोट में त्रिभुजाकार,500 स्र्पए के नोट में वृत्ताकार व एक हजार स्र्पए के नोट में डायमंड आकार में आकृति बनाई गई है।
ये सभी ब्रेललिपि में बनाई गई है। अभी तक आरबीआई ने आम लोगों के लिए 500 रुपये और एक हजार रुपये के नोट की असली और नकली की पहचान के लिए नोट के बीच में गोल्डन लाइन होना बताया गया था। लेकिन आरबीआई के इस नये प्रयोग से अब दृष्टिबाधित भी बिना किसी दिक्कत के असली और नकली नोट की पहचान कर सकेंगे ।
इस बारे में जानकारी देते हुए एसबीआई के क्षेत्रिय प्रबंधक शेखर शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि आरबीआई ने दृष्टिबाधितों के लिए 100 रुपये,500 व एक हजार स्र्पए के नोट में ब्रेललिपि में विशेष आकृति बनाई है। दृष्टिबाधितों के लिए यह स्पेशल सिक्युरिटी है। नकली नोटों में ऐसा निशान नहीं मिलेगा । ब्रेललिपि में बनाए गए निशान को छुकर दृष्टिबाधित इसकी पहचान आसानी के साथ कर सकेंगे । यह निशान नोट के बाईं तरफ बनाए गए हैं।