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मायावती ने छोटे भाई को सौंप डाली BSP में ये बड़ी ज़िम्मेदारी, उनकी गैरमौजूदगी में हर दस्तावेज़ को कर सकेंगे अप्रूव

Published: Apr 14, 2017 01:40:00 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

मायावती ने आनन्द कुमार को उपाध्यक्ष बनाये जाने का कोई स्पष्ट कारण तो नहीं बताया लेकिन उन्हें उपाध्यक्ष बनाकर परिवार से किसी को पार्टी में पद नहीं देने के संकल्प को आज उन्होंने स्वयं तोड दिया।

बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने अपने छोटे भाई आनन्द कुमार को पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया है। यही नहीं उन्होंने अपनी अनुपस्थिति में उन्हें सभी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत कर दिया। मायावती ने भीमराव अम्बेडकर की 126वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए यह घोषणा की। 
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि आनन्द कुमार नि:स्वार्थ भावना से काम करते हुए पार्टी को आगे बढाएंगे। उनका कहना था कि मेरे भाई ने अपने परिवार के साथ बसपा संस्थापक कांशीराम की खूब सेवा की है। उसके अन्दर बहुजन समाज को आगे बढाने की ललक है, इसलिए उसे यह जिम्मेदारी दी गई है। 
गौरतलब है कि मायावती अपने भाषणों में राजनीति में परिवारवाद का विरोध करती रहीं हैं। वह कहा करती थीं कि कांशीराम की तरह उन्होंने भी अपने परिवार को राजनीति से दूर रखा, इसीलिए उन्होंने शादी तक नहीं की, लेकिन आज अपने भाई को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाकर अपना उत्तराधिकारी लगभग तय कर दिया। 
भाजपा पर बोला ज़बानी हमला 

भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि उनके परिवार आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से प्रताडित करने की कोशिश की गई। उनके तथा आनन्द कुमार के खिलाफ कई जांच करवायी गई, लेकिन एक चीज साफ है कि वह और उनका परिवार दबाव में आने वाला नहीं है। 
https://twitter.com/ANINewsUP/status/852771533579616258
मायावती के मुख्यमंत्रित्वकाल में आनन्द कुमार के पास पार्टी या सरकार में कोई पद नहीं होने के बावजूद वह काफी ताकतवर समझे जाते थे और उस दौरान उन्होंने कई कारोबार पर करोडों रुपये अर्जित किये थे। 
बसपा के 33वें स्थापना दिवस पर आनन्द कुमार को पार्टी उपाध्यक्ष घोषित कर मायावती ने उन अटकलों को भी लगभग विराम लगा दिया जिसमें पार्टी में दूसरी लाइन के नेताओं के अभाव को लेकर अक्सर चर्चा हुआ करती थी। 
पार्टी संस्थापक कांशीराम ने 14 अप्रैल 1984 को बसपा की स्थापना की थी। आनन्द कुमार को उपाध्यक्ष बनाये जाने के साथ ही सतीश चन्द्र मिश्र और नसीमुद्दीन सिद्दीकी सरीखे वरिष्ठ नेता का कद पार्टी में स्वत: घट जाएगा। 
मायावती ने आनन्द कुमार को उपाध्यक्ष बनाये जाने का कोई स्पष्ट कारण तो नहीं बताया लेकिन उन्हें उपाध्यक्ष बनाकर परिवार से किसी को पार्टी में पद नहीं देने के संकल्प को आज उन्होंने स्वयं तोड दिया। 

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