आईयूएमएल के दिग्गज नेता मतगणना प्रक्रिया के सभी चरणों में अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उम्मीदवार और युवा नेता एम.बी. फैजल से आगे रहे। तो वहीं बीजेपी के उम्मीदवार एन. श्रीप्रकाश तीसरे स्थान पर रहे।
इससे पहले कुन्हालीकुट्टी जब घर से बाहर निकले तो उनके समर्थकों ने उनके समर्थन में नारेबाजी करते हुए उन्हें ऊपर उठा लिया। कुन्हालीकुट्टी ने मीडिया से कहा कि पार्टी ग्रामीण परिषदों में आगे रही, जहां वाम मोर्चा सत्ता में है। जिसका कारण मैंने धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण की जरूरत पर बल दिया और मतदाताओं ने मुझ पर भरोसा जताया है। साथ की कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ की एकता ने भी इसमें मदद की है।
गौरतलब है कि इस सीट के लिए 12 अप्रैल को मतदान हुए थे। जिनमें 71.33 फीसदी मतदान हुआ था।मल्लापुरम सीट आईयूएमएल नेता ई. अहमद के निधन से रिक्त हो गई थी, जो यहां से सांसद थे। मल्लापुरम जिला आईयूएमएल का गढ़ रहा है और अहमद ने 2014 के चुनाव में इस सीट पर 1.94 लाख वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी।
लेकिन 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान आईयूएमएल विधायकों की जीत का अंतर कम हो गया था। हालांकि पार्टी ने सभी सात विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।