बेंगलुरु के एक प्रोजेक्ट मैनेजर की कार भी हफ्तों तक पानी में फंसी रही। जब पानी निकला तो तब तक गाड़ी खराब हो चुकी थी। इसके बाद जब उन्होंने कार को रिपयेरिंग सेंटर भेजा तो कार तो बन गई लेकिन कार की रिपयेरिंग का बिल देखकर मैनेजर पानी-पानी हो गए। क्योंकि कार की रिपयेरिंग का बिल 22 लाख रुपए था। अब 11 लाख रुपए की कार की रिपेयरिंग का 22 लाख रुपए बिल, देखकर किसी का भी दिमान खराब होना स्वभाविक है।
जिस प्रोजेक्ट मैनेजर के साथ यह घटना घटनी, उनका नाम अनिरुद्ध गणेश हैं। अनिरुद्ध ने अपनी घटना को लिक्डइंन पर लिखा है। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि 11 लाख रुपये की कीमत वाली कार को रिपेयर के लिए रिपेयरिंग सेंटर भेजा था। रिपेयरिंग सेंटर ने उन्हें 22 लाख रुपये का बिल मिला। अनिरुद्ध गणेश एमेजॉन में प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर कार्यरत हैं। उनकी फॉक्सवैगन कंपनी की कार है। जिसके साथ यह कहानी हुई।
अनिरुद्ध में रिपेयरिंग के लिए अपनी कार को व्हाइटफील्ड इलाके में स्थित फॉक्सवैगन के ही आधिकारिक रिपेयरिंग सेंटर भेजा था। जहां से उन्हें रिपेयरिंग का 22 लाख रुपये का बिल भेजा गया। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो सर्विस सेंटर ने डैमेज कार के लिए दस्तावेज तैयार करने के एवज में उनसे 44,840 रुपये की मांग कर डाली। इससे अनिरुद्ध गणेश के होश उड़ गए।
बताया गया कि इसके बाद अनिरुद्ध ने फॉक्सवैगन मैनेजमेंट को दोबारा से ई-मेल भेजकर उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया। कंपनी को जब पता चला कि मामला हाथ से बाहर जा रहा है तो फिर आखिर में इस मामले को सिर्फ पांच हजार रुपये में सेटल किया गया। फिलहाल उन्होंने अपनी कहानी सोशल मीडिया पर शेयर की तो मामला सामने आया।