बता दें कि पिछले महीने ही थेरेसा मे भारत में आई थीं। उनके भारत के दौरे के समय बातचीत के दौरान विजय माल्या और ललित मोदी जैसे वांछित अपराधियों की सूची सौंपी गई थी।
सीबीआइ ने विशेष अदालत के मार्फत प्रत्यर्पण की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। अदालत से प्रत्यर्पण अनुरोध हासिल करने के बाद सीबीआइ ने इसे कूटनीति चैनल के मार्फत ब्रिटेन को भेज दिया है। देखना यह है कि ब्रिटेन प्रत्यर्पण के अनुरोध पर कितनी तेजी से कार्रवाई करता है।
सीबीआइ की वजह से माल्या भागा था विदेश दरअसल सीबीआइ पर विजय माल्या के विदेश भागने से रोकने में विफल रहने का आरोप लगा है। इसकी वजह ये है कि नवंबर 2015 में सीबीआइ ने विजय माल्या के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था। इससे विजय माल्या के विदेश जाने की स्थिति में आव्रजन विभाग हवाई अड्डे पर ही रोक लेता। लेकिन एक महीने बाद ही उस सकुर्लर को बदल दिया और आव्रजन विभाग को सिर्फ माल्या के विदेश आने-जाने की जानकारी देने को कहा गया। इसका फायदा उठाते हुए दो मार्च को माल्या ब्रिटेन चले गए।
गौरतलब है के विजय माल्या ने बैंकों से 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर जानबूझकर नहीं लौटाया। इस पर बैंकों ने इस मामले में माल्या के खिलाफ सीबीआइ में एफआइआर दर्ज कराई थी। इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय भी उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत जांच कर रहा है।