सीबीआई सूत्रों ने बुधवार को बताया कि देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी की एक संयुक्त टीम भगोड़े माल्या के खिलाफ ताजा और पुख्ता सबूत जमा कराने के लिए लंदन में मौजूद है। यह टीम माल्या के खिलाफ पिछले महीने मुंबई में ईडी द्वारा दायर किए गए 5,500 पेज के आरोपपत्र को भी वहां जमा करेगी। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई और ईडी के जांच अधिकारी क्राउन प्रॉसीक्यूशन कार्यालय को ईडी द्वारा दायर किए गए आरोप पत्र के विषय वस्तुओं और सबूतों से अवगत कराएंगे। कुछ अन्य कानूनी मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
गौरतलब है कि माल्या प्रकरण मामले में भारत सरकार की ओर से क्राउन प्रॉसीक्यूशन कार्यालय ही पैरवी कर रहा है। ईडी के कानूनी सलाहकार माल्या के खिलाफ लगे आरोपों की विस्तार से जानकारी देंगे और आरोप पत्र में मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के अंतर्गत बताए गए कानूनी बिंदुओं की बारीकियों से प्रॉस्क्यूशन कार्यालय को अवगत करायेंगे। जांच एजेंसियों की ओर से यह कदम माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर उठाया गया है। यह उनके खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है।
विजय माल्या पर बैंकों का 9000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। साथ ही माल्या को भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है। गौरतलब है कि भारत ने पिछले दिनों कुछ आरोपियों के प्रत्यर्पण के लिए एक सूची ब्रितानी अधिकारियों को सौंपी है, जिसमें माल्या और पूर्व आईपीएल कमिश्नर
ललित मोदी के साथ-साथ गुजरात विस्फोट, पंजाब सिख दंगा, रक्षा सौदे में दलाली, हत्या और यौन उत्पीडऩ से जुड़े कुछ आरोपियों के नाम हैं।
हाल ही में संपन्न हुए जी-20 की बैठक में भी प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे से हुई मुलाकात के दौरान माल्या समेत दूसरे अपराधियों के प्रत्यर्पण पर चर्चा की थी।