रिपोर्ट्स के मुताबिक ये ऐप चीनी नागरिकों के दिमाग की उपज हैं जिन्होंने भारतीयों को काम पर रखा। लोन देने वाले ऐप्स के जरिए लोगों को कम रेट में पैसा देने का लालच दिया जाता है और लोन लेने के बाद 3,000 % तक ब्याज बढ़ाकर वसूली करते हैं। जब लोग ब्याज चुकाने में असमर्थ हो गए तो इन ऐप्स में काम करने वाले लोगों ने कर्ज में डूबे लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह मामला विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उन लोगों द्वारा आत्महत्याओं के बाद सुर्खियों में आया, जिन्होंने इस तरह के ऐप से लोन लेने का विकल्प चुना या फिर सट्टेबाजी करने वाले ऐप्स के जरिए अपना पैसा खो दिया। इसके बाद राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा। सरकार ने पाया है कि 94 ऐप ई-स्टोर्स पर उपलब्ध हैं और अन्य थर्ड-पार्टी लिंक के माध्यम से काम कर रहे हैं, जिनका काम लोगों को फंसाना और ऐप्स के जरिए जासूसी करना है। इन ऐप्स को अपने मोबाइल में इंस्टाल करने वाले लोगों के डेटा की सुरक्षा के लिए भी खतरा है।
पिछले साल 54 चीनी ऐप्स पर लगाया गया था प्रतिबंध
पिछले साल मंत्रालय ने भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले 54 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। ऐप में इक्वलाइज़र और बास बूस्टर, Tencent Xriver, Onmyoji Chess और Dual Space Lite शामिल थे। सरकार ने कहा था कि 54 ऐप ने कथित तौर पर महत्वपूर्ण यूजर्स के संवेदनशील डेटा एकत्रित किया है। आईटी मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि डेटा का दुरुपयोग किया जा रहा था और शत्रुतापूर्ण देश में सर्वर पर भेजा जा रहा है, जिसके कारण इन पर प्रतिबंध लगाया जाता है।