न्यूनतम ब्याज पर लोन लेने की कवायद केन्द्र सरकार स्वच्छ भारत अभियान, हर घर में शौचालय, उज्ज्वला योजना, नमामि गंगे के साथ ही अन्य सामाजिक सरोकार से जुड़ी योजनाओं के लिए इन लावारिस पैसों को इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। विश्व बैक के साथ ही अन्य वित्तीय संस्थानों से पैसे लेने के बाद भी सरकार को और फंड की अवश्यकता महसूस हो रही है। इस योजना को अमली जामा पहनाने की जिम्मेदारी नीति आयोग को सौपी गई है।
सरकार ईपीएफओ और एलआईसी के पास बिना क्लेम वाले फंड से न्यूनतम ब्याज पर लोन लेने का मन बना रही है। नीति आयोग और श्रम मंत्रालय में बातचीत आरंभिक स्तर पर शुरू हो गई है। श्रम मंत्रालय ने आरम्भिक स्ता्र पर इस बात पर सहमति जताई है कि अगर सरकार से ब्याज मिलता है तो पीएफ में लावारिस पड़ी रकम को केन्द्र को उधार दिया जा सकता है। श्रम मंत्रालय का कहना है कि इस पैसों की सुरक्षा की गांरटी भी सरकार को देनी होगी क्योंकि यह पैसा किसी भी समय क्लेम किया जा सकता है।