सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को दोपहर लगभग 3 बजे हाथीपहाड़ की चट्टानों में भूस्खलन शुरु हुआ और चट्टानें अचानक टूट कर गिरने लगी। जिस कारण हाईवे का 50 मीटर का हिस्सा क्षति ग्रस्त हो गया। और प्रशासन ने तुरंत यात्री वाहनों को आगे जाने से रोक दिया। तो वहीं पहाड़ी के दोनों छोर पर लगभग 450 से अधिक वाहन अभी भी खड़े हैं।
प्रशासन के मुताबिक, जो लोग फंसे हुए हैं उन्हें वही रुकने का आदेश दे दिया गया है। साथ ही बदरीनाथ की ओर जाने वाले यात्रियों को जोशीमठ और चमोली पड़ाव पर सुरक्षा कारणों से रोक लिया गया है। तो वहीं चमोली के डीएम आरपी जोशी ने बताया कि क्षेत्र में गुरुवार से तेज बारिश हो रही थी। बारिश रुकने के बाद यात्री आगे की यात्रा पर निकले। जिसके बाद पहाड़ी के दरकने से मलबा गिरने लगा। जिसके बाद नेशनल हाईवे बंद हो गया।
जिला प्रशासन के मुताबिक फिलहाल सभी तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया गया हैं। साथ ही उन इलाकों के होटलों को साफ निर्देश दिया गया है कि किसी भी यात्री से कमरे में ठहरने के लिए पैसा नहीं वसूला जाए। वहीं हाथीपहाड़ से बदरीनाथ की तरफ जा रहे यात्रियों को गोविंदघाट गुरुद्वारे में रोका गया है। साथ ही उनके खाने पीने की उचित व्यवस्था की गई है।
भूस्खलन के बाद मलबा हटाने का काम तेजी से किया जा रहा है। प्रशासन को उम्मीद है कि शनिवार तक यात्रियों को आगे जाने के लिए रास्ता खोल लिया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले साल भी इन्हीं मार्गों पर रास्ता बाधित हुआ था। फिलहाल बीआरओ की टीम जल्द से जल्द रास्ते खोलने की कोशिशों में जुटी हुई है।