हालांकि चीनी मीडिया के दावे में कितनी सच्चार्इ है ये कहना मुश्किल है। चीनी सरकारी मीडिया लगातार भारत के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी में व्यस्त है। हाल ही में सरकारी सीसीटीवी ने चीनी सेना के जवानों के तिब्बत के पठारों पर सैन्य अभ्यास आैर गोला बारूद के इस्तेमाल काे लेकर खबर प्रसारित की थी। इसके जरिए चीन लगातार भारत को चेतावनी देने की कोशिश कर रहा है।
हांगकांग के साउथ चाइना माॅर्निंग पोस्ट की खबर में कहा गया है कि ये स्थान डोकलाम से ज्यादा दूरी पर स्थित नहीं है, जहां पर चीनी आैर भारतीय सेना गतिरोध के बाद से ही डटी हुर्इ है। चीन के एक सैन्य मामलेां कें विशेषज्ञ ने साउथ चाइना माॅर्निंग पोस्ट से कहा है कि कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के साथ ही सैन्य तैयारियां भी मजबूत होनी चाहिए।
उधर, चीन अब अरुणाचल प्रदेश केा लेकर भी आक्रामकता दिखा रहा है। दलार्इ लामा के अरुणाचल दौरे पर जाने के बाद से ही उसकी इस आक्रामकता में आैर बढोतरी हुर्इ है। चीन का कहना है कि अरुणाचल दक्षिणी तिब्बत है आैर पारंपरिक रूप से उसका इलाका है।
हम आपको बता दें कि चुंबी घाटी में स्थित डोकलाम में चीन सड़क बनाना चाहता है। डोकलाम भूटान का भाग है। यहां पर सड़क बनाने का भारत आैर भूटान ने विरोध किया है। ये इलाका सामरिक रूप से काफी संवेदनशील है। भारत को उत्तर पूर्वी राज्यों से जोड़ने वाला सिलिगुड़ी गलियारा इसी के ठीक नीचे है आैर यहां पर सड़क बनने देने का मतलब देश की आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से काफी घातक साबित हो सकता है।