पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों का आकलन है कि जब से सीपीईसी (चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर) का ऐलान हुआ है, तब से अकेले इस्लामाबाद में 50,000 से ज्यादा चीनी नागरिक रह रहे हैं। चीनी लोग पूरा का पूरा अपार्टमेंट बुक कर रहे हैं। ये चीनी नागरिक अपने बच्चों का दाखिला पाक स्कूलों में करा रहे हैं, जहां चीनी भाषा की पढ़ाई शुरू हो गई है। चीन पाकिस्तान में सैन्य अड्डा बनाकर अपने कई हित साधना चाहता है। सैन्य अड्डा बनाकर चीन पाकिस्तान में निर्णायक दखल देने की योजना बना रहा है।
डोभाल के चीन दौरे से कम हो सकता है तनाव
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जुलाई के आखिर में ब्रिक्स बैठक में हिस्सा लेने के लिए बीजिंग जाएंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान डोभाल चीनी पक्ष से डोकलाम विवाद पर बात कर सकते हैं। ब्रिक्स मीटिंग 27-28 जुलाई को होनी है। चीनी थिंक टैंक चाइना रिफॉर्म फोरम के फेलो मा जियाली के ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख के मुताबिक, इस बैठक में दोनों देशों के बीच डोकलाम मुद्दे पर तनाव कम करने के लिए एक अच्छा मौका होगा।
चीनी मीडिया की फिर धमकी
चीन के सरकारी मीडिया ने धमकी देते हुए कहा कि चीन अपनी जमीन का एक इंच भी खोना बर्दाश्त नहीं कर सकता। इसके साथ ही डोकलाम से सैनिकों को बुलाए जाने की संभावना से इनकार किया है।
तनाव कम करने के लिए भारत-चीन करें बातचीत: अमरीका
उधर, सिक्किम क्षेत्र में डोकलाम विवाद पर अमरीका ने कहा कि भारत और चीन को इस मामले में सीधे बातचीत करनी चाहिए, ताकि तनाव कम किया जा सके। हालांकि, इसमें किसी तरह की जोर-जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए। अमरीकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने दोनों देशों को जोर-जबरदस्ती से मुक्त माहौल में बातचीत की सलाह दी है। इससे पहले, अमरीकी विदेश मंत्रालय ने भी इस मसले पर बयान दिया था।
हम आपको बता दें कि डोकलाम में 36 दिन से भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं। डोकलाम विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब भारतीय सेना ने डोकलाम में चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। हालांकि चीन का कहना है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है।
डोभाल के चीन दौरे से कम हो सकता है तनाव
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जुलाई के आखिर में ब्रिक्स बैठक में हिस्सा लेने के लिए बीजिंग जाएंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान डोभाल चीनी पक्ष से डोकलाम विवाद पर बात कर सकते हैं। ब्रिक्स मीटिंग 27-28 जुलाई को होनी है। चीनी थिंक टैंक चाइना रिफॉर्म फोरम के फेलो मा जियाली के ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख के मुताबिक, इस बैठक में दोनों देशों के बीच डोकलाम मुद्दे पर तनाव कम करने के लिए एक अच्छा मौका होगा।
चीनी मीडिया की फिर धमकी
चीन के सरकारी मीडिया ने धमकी देते हुए कहा कि चीन अपनी जमीन का एक इंच भी खोना बर्दाश्त नहीं कर सकता। इसके साथ ही डोकलाम से सैनिकों को बुलाए जाने की संभावना से इनकार किया है।
तनाव कम करने के लिए भारत-चीन करें बातचीत: अमरीका
उधर, सिक्किम क्षेत्र में डोकलाम विवाद पर अमरीका ने कहा कि भारत और चीन को इस मामले में सीधे बातचीत करनी चाहिए, ताकि तनाव कम किया जा सके। हालांकि, इसमें किसी तरह की जोर-जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए। अमरीकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने दोनों देशों को जोर-जबरदस्ती से मुक्त माहौल में बातचीत की सलाह दी है। इससे पहले, अमरीकी विदेश मंत्रालय ने भी इस मसले पर बयान दिया था।
हम आपको बता दें कि डोकलाम में 36 दिन से भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं। डोकलाम विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब भारतीय सेना ने डोकलाम में चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। हालांकि चीन का कहना है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है।