एक केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जे.एस. खेहर कहा है कि कानून तोड़ना और कोर्ट की आदेश का पालन न करना हमारे खून और कल्चर में आ गया है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जे.एस. खेहर कहा है कि कानून तोड़ना और कोर्ट की आदेश का पालन न करना हमारे खून और कल्चर में आ गया है। एक केस की सुनवाई की दौरान न्यायधीश खेहर ने कहा कि अगर आप चाहते हैं कि देश तरक्की करे, तो कानून का पालन बहुत जरूरी है। जस्टिस खेहर ने कड़े शब्दों में कहा कि जो लोग कानून तोड़ते हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कारवाई की जाएगी।
जस्टिस खेहर ने
विजय माल्या का उदाहरण देते हुए कहा कि
विजय माल्या ने कोर्ट के आदेश को न मानकर कोर्ट का अपमान किया है। कोर्ट ने बार-बार माल्या को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा लेकिन वह नहीं आए। । शराब कारोबारी माल्या बैंकों से 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर लंदन फरार हो चुके हैं। उनके खिलाफ वॉरेंट भी निकाला जा चुका है। लेकिन अभी माल्या ने कहा कि वह यूके में सेफ है। भारत के पास माल्या प्रत्यर्पण करने के लिए कोई नीति नहीं हैं।
आवासीय क्षेत्र की सुनवाई के दौरान बोली बाते
दिल्ली के लाजपत नगर में एक शिक्षा संस्थान के मालिक दिनेश खोसला अपने घर की बिल्डिंग का उपयोग कमर्शियल तौर पर कर रहे थे। लेकिन मास्टर प्लान के हिसाब से वह आवासीय क्षेत्र है। जस्टिस केहर ने कहा कि 2006 में कोर्ट ने अवासीय क्षेत्र से शिक्षा संस्थान को न चलाने की बात कही थी लेकिन हम लोग कानून तोड़ने के आदि हो चुके हैं और अब तो ये हमारे खून में शामिल हो चुका है।