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सरकार बचाने में सफल हुए चंपई सोरेन, 47 विधायकों ने किया समर्थन

Jharkhand Politics: झारखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन सोमवार को महागठबंधन सरकार के लिए विश्वासमत हासिल किया।

Feb 05, 2024 / 02:16 pm

Prashant Tiwari

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CM Champai Sorane proved majority in Jharkhand assembly today

 

आखिरकार एक हफ्ते तक चली राजनीतिक अस्थिरता के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरने ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया। सोमवार को बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के अभिभाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने वोटिंग कराया और वोटिंग में झारखंड की गठबंधन सरकार ने 47/29 से अपना बहुमत साबित कर दिया। हालांकि इसी बीच निवर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर ED से जवाब मांगते हुए सुनवाई को 12 फरवरी तक टाल दिया है।

सरकार ने 47/29 से साबित किया बहुमत

झारखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन सोमवार को महागठबंधन सरकार के लिए विश्वासमत हासिल किया। फ्लोर टेस्ट से पहले राज्यपाल का अभिभाषण हुआ। दो दिन के लिए बुलाए गए सत्र में विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम-139 के तहत मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन मंत्रिपरिषद में विश्वास प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बहस के बाद मतदान हुआ, जिसमें महागठबंधन के पक्ष में 47 और विपक्ष में 29 वोट पड़ा। फ्लोर टेस्ट के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद रहे। वहीं, 5 विधायकों ने मतदान से दूरी बनाई।

CM Champai Sorane proved majority in Jharkhand assembly today

 

सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की गई

विधानसभा में विश्वास मत पर बहस की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विपक्ष के साथ ही भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विधानसभा में मौजूद विपक्ष ने हेमंत सोरेन की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की। लेकिन हमारे साथ हेमंत सोरेन है तो हिम्मत हैं। हेमंत सरकार ने राज्य को कुशल नेतृत्व दिया। उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने विरोधियों को दबाने और डराने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया।

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घोटाला साबित हुआ तो झारखंड छोड़ दूंगा

झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के फ्लोर टेस्ट से पहले पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने विधानसभा में कहा कि यह झारखंड है। इस राज्य में हर कोने में आदिवासी-दलित वर्गों से अनगिनत सिपाहियों ने अपनी कुर्बानी दी है। जहां करोड़ों रुपये डकार कर इनके सहयोगी विदेश में जा बैठे हैं ED-CBI-IT उनका एक बाल बांका नहीं कर सकती। ये देश के आदिवासी दलित-पिछड़ों और बेगुनाहों पर अत्याचार करते हैं। अगर है हिम्मत तो सदन में कागज दिखाएं कि यह साढ़े 8 एकड़ की जमीन हेमंत सोरेन के नाम पर है। अगर ऐसा हुआ, तो मैं उस दिन राजनीति से अपना इस्तीफा दे दूंगा। राजनीति ही क्या झारखंड छोड़कर चला जाऊंगा।

 

देर रात रांची वापस लौटे विधायक

झारखंड से हैदराबाद गए सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक रविवार रात वापस रांची लौट आए हैं। रांची एयरपोर्ट से विधायक सीधे सर्किट हाउस पहुंचे। बता दें कि झारखंड में राजनीतिक उठापटक के बीच गठबंधन के 37 विधायकों को 2 फरवरी को दो चार्टर्ड प्लेन से हैदराबाद भेजा गया था। इससे पहले सभी बस और निजी गाड़ियों से एयरपोर्ट पहुंचे थे। सभी विधायकों को हैदराबाद के लियोनिया रिजॉर्ट में रखा गया था। रात में यहां विश्राम करने के बाद सभी विधायक आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में शामिल होने पहुंचे।

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47 सदस्यों ने सरकार के समर्थन में किया मतदान

बता दें कि बहुमत परिक्षण के दौरान झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम चंपई सोरेन की सरकार के समर्थन में वोट किया। इस बात का ऐलान उन्होंने रविवार को ही किया था। वहीं रामदास सोरेन दिल्ली में किडनी प्रत्यारोपण कराने के कारण विधानसभा में हाजिर नहीं हो सके। झामुमो महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि पूर्व सीएम हेमंत सोरेन सहित महागठबंधन में शामिल झामुमो, कांग्रेस, राजद और माले के सभी 47 सदस्य मतदान में शामिल हुए। बता दें कि झारखंड विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी संख्या 41 है।

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हेमंत सोरेन को लगा जोर का झटका

वहीं, बहुमत परिक्षण से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तगड़ा झटका लगा। ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी क्रिमिनल रिट पर झारखंड हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई, लेकिन उन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं मिल पाई। हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एस. चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की बेंच ने सोरेन की याचिका पर ईडी से जवाब मांगा है। एजेंसी को आगामी 9 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तारीख मुकर्रर की है। सोरेन ने अपनी याचिका में कहा है कि ईडी ने उनके खिलाफ झूठे आरोप में मुकदमा किया है। उनकी गिरफ्तारी के पीछे भी कोई ठोस आधार नहीं है। गौरतलब है कि सोरेन ने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ 31 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में भी एसएलपी दाखिल की थी, लेकिन जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने हेमंत सोरेन को पहले झारखंड हाईकोर्ट जाने को कहा।

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