बता दें कि ममता ने आज PM Modi और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का समय मांगा है, जिसके लिए वो दिल्ली पहुंची हैं। इसके अलावा वह आजादी के 75 साल पूरे होने पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा बुलाई गई बैठक में 6 अगस्त को शामिल होंगी और बाद में वो 7 अगस्त को नीति आयोग की होने वाली बैठक में भी हिस्सा ले सकती हैं। वहीं, पीएम मोदी के साथ TMC प्रमुख की बैठक को लेकर कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने उन पर निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि TMC के टॉप लीडर्स के खिलाफ CBI और ED द्वारा की जा रही कार्रवाई के बीच ममता बनर्जी का दिल्ली दौरा ‘मैच फिक्सिंग का हिस्सा’ है।
बंगाल कांग्रेस के प्रवक्ता रित्जू घोषाल ने कहा, ‘यह मैच फिक्सिंग 2016 बंगाल विधानसभा चुनाव से जारी है। ED द्वारा कोयला घोटाला मामले में अभिषेक बनर्जी से केवल दो बार पूछताछ की गई। जबकि, सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बगैर किसी आधार के नेशनल हेराल्ड मामले में हर रोज पूछताछ करके परेशान किया जा रहा है।’
वहीं CPI(M) के बंगाल सचिव मोहम्मद सलीम ने आरोप लगाते हुए कहा, “यह मीटिंग मैच फिक्सिंग का हिस्सा है जो सालों से चला आ रहा है। इस मीटिंग में ममता बनर्जी पीएम मोदी से राज्य की मांगों को लेकर चर्चा करना चाहती है। इस मामले में आमने-सामने की बैठक क्यों? इस मीटिंग में ब्यूरोक्रेट्स को भी शामिल करना चाहिए और इससे पहले सेक्रेटरी लेवल मीटिंग का भी आयोजन होना चाहिए। ये मीटिंग सैटिंग का हिस्सा है, जनता को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता।”
इन आरोपों को खारिज करते हुए TMC के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा, “मुख्यमंत्री को बदनाम करने के कोशिश की जा रही है। बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्जी ने अपने कार्यकाल के दौरान कई बार प्रधानमंत्रियों से मुलाकात की थी। क्या इन सभी मुलाकातों का मतलब भी मैच फिक्सिंग था?” गौरतलब है कि पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद हो रही सीएम ममता बनर्जी की इस बैठक पर विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं। ED द्वारा पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था।