दिल्ली निगमों के चुनाव से महज पांच दिन पहले लवली के बीजेपी में शामिल होने से कांग्रेस के उम्मीदों को करारा झटका लग सकता है। तो वहीं लवली का भाजपा में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने स्वागत किया। मौजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन के साथ लवली के रिश्ते कभी मधुर नहीं रहे। साथ ही बताया जा रहा है कि टिकट बंटवारे को लेकर वो पार्टी से नाराज थे। शीला दीक्षित सरकार में लवली ताकतवर मंत्री थे।
दिल्ली में गत विधानसभा चुनाव में पूरी तरह साफ हुई कांग्रेस निगम चुनावों में मेहनत कर अपनी वापसी की उम्मीद कर रही थी लेकिन लवली और मलिक के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। अरविंदर सिंह लवली दिल्ली में कांग्रेस की सिखों से जुड़ी राजनीति में कद्दावर नेता माने जाते थे। उनके पास शिक्षा और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अलावा कई अन्य मंत्रालय भी थे।
गौरतलब है कि गांधी नगर विधानसभा सीट से पांच बार विधायक लवली ने 2015 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था। बाद में लवली ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और वह पार्टी से लगातार नाराज चल रहे थे। तो वहीं मलिक उनके समर्थक हैं।
दिल्ली एमसीडी चुनाव को लेकर शीला सरकार में ही वरिष्ठ मंत्री अशोक कुमार वालिया ने भी अपने समर्थकों को टिकट न मिलने से नाराजगी जाहिर की थी। एक और पूर्व मंत्री मंगत राम सिंघल ने संवाददाता सम्मेलन कर निगमों में टिकट बेचने का आरोप लगाया था। पार्टी के कई कद्दावर नेता भी निगम में टिकट बंटवारे से खुश नहीं थे।